अपने खेत में करेगें काम, किसानों को मजदूरी ईनाम
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जौनपुर। किसान अपने खेत में काम करेगा और मजदूरी भी मिलेगी। ये फैसला किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ग्राम्य विकास विभाग ने लिया है। मनरेगा के तहत नए सत्र में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विशेष प्लान बनाया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत के दस-दस किसानों का चयन करके सौ दिन का रोजगार देने के साथ ही उनके ऊबड़-खाबड़ खेतों का सुधार भी कराया जाएगा। किसानों को व्यक्तिगत लाभ देने के लिए चयन की कवायद शुरू कर दी गई है।
बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा का संचालन कर रहा है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। शासन द्वारा तय मानक के अनुसार आवंटित बजट का 80 फीसद पैसा कृषि से जुड़े कार्यों पर खर्च करने के निर्देश हैं। इसके लिए ग्राम पंचायतें वार्षिक कार्ययोजना में प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का चयन करके परियोजना शामिल करती हैं। किसानों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों को व्यक्तिगत लाभ देने की भी व्यवस्था है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ ही उन्हें व्यक्तिगत लाभ से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है। हर गांव के दस-दस किसानों को व्यक्तिगत लाभ देने के साथ ही गारंटी के अनुसार रोजगार भी दिया जाएगा। उपायुक्त मनरेगा ने बताया कि किसानों को व्यक्तिगत लाभ देने के लिए कई कार्यक्रम तय किए गए हैं। जिसमें भूमि का सुधार, खेत तालाब, चारागाह विकास, नर्सरी स्थापना, वर्मी कंपोस्ट पिट निर्माण, पौधरोपण, पशुपालन के लिए शेड का निर्माण, बकरी पालन शेड निर्माण कराया जाएगा। योजना का लाभ महिला, दिव्यांग, लघु व सीमांत किसानों को प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा। मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के दस-दस किसानों का चयन व्यक्तिगत लाभ देने के लिए किया जाएगा। किसानों को 100 दिन का रोजगार भी मिलेगा। व्यक्तिगत चयनित परियोजना के तहत वह खुद अपने खेतों में काम करके मजदूरी ले सकेंगे। इसके लिए संबंधित को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा का संचालन कर रहा है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। शासन द्वारा तय मानक के अनुसार आवंटित बजट का 80 फीसद पैसा कृषि से जुड़े कार्यों पर खर्च करने के निर्देश हैं। इसके लिए ग्राम पंचायतें वार्षिक कार्ययोजना में प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का चयन करके परियोजना शामिल करती हैं। किसानों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों को व्यक्तिगत लाभ देने की भी व्यवस्था है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ ही उन्हें व्यक्तिगत लाभ से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है। हर गांव के दस-दस किसानों को व्यक्तिगत लाभ देने के साथ ही गारंटी के अनुसार रोजगार भी दिया जाएगा। उपायुक्त मनरेगा ने बताया कि किसानों को व्यक्तिगत लाभ देने के लिए कई कार्यक्रम तय किए गए हैं। जिसमें भूमि का सुधार, खेत तालाब, चारागाह विकास, नर्सरी स्थापना, वर्मी कंपोस्ट पिट निर्माण, पौधरोपण, पशुपालन के लिए शेड का निर्माण, बकरी पालन शेड निर्माण कराया जाएगा। योजना का लाभ महिला, दिव्यांग, लघु व सीमांत किसानों को प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा। मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के दस-दस किसानों का चयन व्यक्तिगत लाभ देने के लिए किया जाएगा। किसानों को 100 दिन का रोजगार भी मिलेगा। व्यक्तिगत चयनित परियोजना के तहत वह खुद अपने खेतों में काम करके मजदूरी ले सकेंगे। इसके लिए संबंधित को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।