पूर्व चेयरमैन दिनेश टंडन दोषमुक्त
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जौनपुर। नगरपालिका परिषद में 27 अगस्त 2013 को पूर्व चेयरमैन दिनेश
टंडन व सभासदों में हुए विवाद का अंतत: पटाक्षेप हो गया। सीजेएम ने दिनेश
टंडन द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में पूर्व सभासद गार्गी सिंह समेत 10
आरोपियों को एवं पूर्व सभासद मुकेश द्वारा दिनेश टंडन व अन्य आरोपियों के
खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में टंडन समेत चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव
में दोषमुक्त कर दिया। दोनों पक्ष के वादी व गवाह कोर्ट में घटना से मुकर
गए थे।
दोनों पक्ष के गवाह ने बैठक में चर्चा का हवाला देते हुए शोर-शराबा के बाद धक्का-मुक्की में चोटें आने का हवाला दिया। कहा कि चोटें पहुंचाने वालों को देख न सके। एक-दूसरे के खिलाफ लोगों के बताने पर प्राथमिकी दर्ज करना बताया था।
विदित हो कि पूर्व सभासद मुकेश ने कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 27 अगस्त 2013 को 2 बजे नगर पालिका बोर्ड की बैठक चल रही थी। शाम 6 बजे गैरकानूनी व अधिनियम के विरुद्ध वित्तीय अधिकार लेने के लिए अध्यक्ष दिनेश टंडन व अधिशासी अधिकारी सदस्यों पर दबाव बना रहे थे। विरोध करने पर सभासद गार्गी, रेनू व अन्य लोगों को मारे पीटे, गालियां व धमकी दिए। उधर दिनेश टंडन ने प्राथमिकी दर्ज कराया था कि बैठक के दौरान गार्गी सिंह व अन्य सभासदों ने हंगामा किया, मारपीट किए तथा गालियां व धमकी दिए। पुलिस ने दोनों मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। दोनों पक्ष प्राथमिकी व पुलिस को दिए पूर्व बयान से लगभग मुकर गए। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
दोनों पक्ष के गवाह ने बैठक में चर्चा का हवाला देते हुए शोर-शराबा के बाद धक्का-मुक्की में चोटें आने का हवाला दिया। कहा कि चोटें पहुंचाने वालों को देख न सके। एक-दूसरे के खिलाफ लोगों के बताने पर प्राथमिकी दर्ज करना बताया था।
विदित हो कि पूर्व सभासद मुकेश ने कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 27 अगस्त 2013 को 2 बजे नगर पालिका बोर्ड की बैठक चल रही थी। शाम 6 बजे गैरकानूनी व अधिनियम के विरुद्ध वित्तीय अधिकार लेने के लिए अध्यक्ष दिनेश टंडन व अधिशासी अधिकारी सदस्यों पर दबाव बना रहे थे। विरोध करने पर सभासद गार्गी, रेनू व अन्य लोगों को मारे पीटे, गालियां व धमकी दिए। उधर दिनेश टंडन ने प्राथमिकी दर्ज कराया था कि बैठक के दौरान गार्गी सिंह व अन्य सभासदों ने हंगामा किया, मारपीट किए तथा गालियां व धमकी दिए। पुलिस ने दोनों मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। दोनों पक्ष प्राथमिकी व पुलिस को दिए पूर्व बयान से लगभग मुकर गए। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।