सज गयी देशी फ्रिज की दुकानें
https://www.shirazehind.com/2019/04/blog-post_596.html
जौनपुर। गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही शीतल पेय पदार्थों की तलाश बढ़ जाती है। इसमे गरीब तबका भी पीछे नहीं है। वह देशी फ्रिज कहे जाने वाले घड़ा व सुराही की व्यवस्था में जुट गया है। गर्मी को देखते हुए इसकी बिक्री भी कई गुना बढ़ गई है। मौसम के बदले मिजाज के बीच जगह-जगह घड़े व सुराही की दुकानें सज गई हैं। मटका केवल गरीबों का फ्रीज ही नहीं बल्कि, पानी की शीतलता और सोंधी महक से उच्च वर्ग भी इससे अछूता नहीं है। फ्रिज और आरओ का पानी पीने वाले तमाम लोग मटके का पानी भी पंसद करते हैं। खासनपुर के श्रीराम कुम्हार का कहना है कि गर्मियों में मटकों की बिक्री में बढ़ोतरी हो जाती है। करीब सप्ताह भर से सजी देशी फ्रिज की दुकानों पर अब रौनक दिखने लगी है। महंगाई का असर मिट्टी के इन बर्तनों की कीमत पर भी दिखने लगा है। दो-तीन वर्ष पहले जो मटके 30 से 40 रुपये में मिल जाते थे वहीं अब इनकी कीमत 80 से 100 रुपये हो गई है। सुराही की कीमत 100 से 130 रुपये है। टोटी लगी सुराही भी लोग खूब खरीद रहे है। ओलन्दगंज के एक दुकानदार ओमप्रकाश ने बताया कि गर्मी बढ़ने से बिक्री में इजाफा जरूर हुआ है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार बिक्री कम है।