आस्था और विश्वास का केन्द्र है दुर्गा मन्दिर
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जौनपुर। बरसठी क्षेत्र के सुखलालगंज के रायपुर गांव स्थित मां दुर्गा देवी मंदिर क्षेत्र के लोगों का आस्था व विश्वास का केंद्र है। इस मंदिर का इतिहास दो सौ साल से अधिक पुराना है। ऐसी मान्यता है कि यहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई है। एक छोटे से चबूतरे पर लोग पूजा अर्चना करते थे। क्षेत्र के गया प्रसाद सिह वर्ष 1814 में किसी काम के लिए मंदिर पर आकर माता से अपनी कार्य सिद्ध के लिए प्रार्थना की। मनोकामना पूरी होने के बाद मंदिर को बनवाया। उसके बाद मंदिर पर अपार भीड़ होने लगी। क्षेत्र के लोगों ने मंदिर के रूप को फिर बदलकर विशाल व भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर में वैसे तो बारहो मास भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्र और हर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। रायपुर स्थित दुर्गा मंदिर अपनी प्राचीनता, सुंदरता व ऐतिहासिक महत्व के कारण भक्तों के श्रद्धा व आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर जनपद ही नहीं वरन आस-पास के जिलों मे विख्यात है। यहां दूसरे जिलों से भी भक्त दर्शन पूजन के लिए आते हैं। मंदिर में एक तरफ प्रवेश द्वार तो दूसरी तरफ से निकास है। मंदिर के मुख्य द्वार के दाहिने तरफ शिव मंदिर तथा बाएं तरफ भगवान राम, लक्ष्मण, सीता एव हनुमान का मंदिर विराजमान है जो सुंदरता में चार चांद लगाता है। मंदिर दो सौ वर्ष पुराना है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नतें मांगता है मातारानी उसकी मुराद जरूर पूरा करती हैं। क्षेत्र के तमाम लोग शादी-विवाह भी मंदिर में करते हैं। पुजारी राजेष दुबे ने बताया है कि मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान दिया जाता है। मां की पूजा करने के लिए दूर-दूर के लोग आते हैं। मंदिर दर्शन के लिए सुबह-शाम आरती के बाद खोल दिया जाता है। नवरात्र मे मंदिर पर बहुत ज्यादा भीड़ होने से आने वाले सभी श्रद्धालुओं का यहां विशेष महत्व दिया जाता है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए महिलाओं और पुरुषों की मां जगदंबा दर्शन के लिए अलग-अलग कतार की व्यवस्था है।