थानाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश
https://www.shirazehind.com/2019/04/blog-post_395.html
जौनपुर। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने सिकरारा थाना क्षेत्र के
एक गांव की विवाहिता से दुराचार के आरोपित चचिया ससुर व कानून के
प्रावधानों की अवहेलना के आरोप में थानाध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
करने का आदेश दिया है। साथ ही आदेश का अनुपालन कर 24 घंटे में आख्या अदालत
में प्रस्तुत करने को कहा है।
विवाहिता ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत दरखास्त दिया कि उसके चचिया ससुर उस पर गलत निगाह रखते थे। गत 15 नवंबर 2018 को भोर में 4:00 बजे जब वह शौच के लिए बाहर गई तो उसने अचानक आकर उसे दबोच लिया। जान से मार डालने की धमकी देते हुए उसके साथ दुराचार किया। आरोपित के चंगुल से किसी तरह छूटने के बाद वह घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई। परिजनों के साथ थाने पर सूचना देने गई। आरोपित के नाजायज दबाव में पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही उसका मेडिकल मुआयना कराया। तब उसने पुलिस अधीक्षक को जरिए रजिस्टर्ड डाक घटना की सूचना दी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने कोर्ट में न्याय की प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट ने प्रथम ²ष्टया गंभीर मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
विवाहिता ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत दरखास्त दिया कि उसके चचिया ससुर उस पर गलत निगाह रखते थे। गत 15 नवंबर 2018 को भोर में 4:00 बजे जब वह शौच के लिए बाहर गई तो उसने अचानक आकर उसे दबोच लिया। जान से मार डालने की धमकी देते हुए उसके साथ दुराचार किया। आरोपित के चंगुल से किसी तरह छूटने के बाद वह घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई। परिजनों के साथ थाने पर सूचना देने गई। आरोपित के नाजायज दबाव में पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही उसका मेडिकल मुआयना कराया। तब उसने पुलिस अधीक्षक को जरिए रजिस्टर्ड डाक घटना की सूचना दी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने कोर्ट में न्याय की प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट ने प्रथम ²ष्टया गंभीर मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।