किसानों को बढ़ी बिजली लाइनों की टेंशन
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जौनपुर। जिले में गेहूं की फसल पर बिजली लाइनों की टेंशन बनी हुई है। वजह है कि जहां एक ओर जिलेभर में ओवरलोडिग की समस्या है, वहीं गर्मी में लाइनें टूटने का खतरा बढ़ जाता है। लाइन टूटकर खेत में गिरने से फसल में आग लगने की संभावना भी बढ़ जाती है। पिछले साल भी कई स्थानों पर ऐसी घटनाएं हुईं और किसानों की सालभर की मेहनत राख के ढेर में बदल गई थी। जबकि इस बार खतरा इसलिए ज्यादा है क्योंकि पूरे जिले में ओवरलोडिग की समस्या है। जनपद में फसल लगभग तैयार हो चुकी है। इधर, खेतों के ऊपर से गुजर रहीं बिजली लाइनें देख किसान सहम जाते हैं। क्योंकि कब कौन सी लाइन टूटकर खेत में गिर जाए, इसका अंदाजा किसी को नहीं है। अधिकांश ट्रांसफार्मरों के ओवरलोडिग के चलते लाइनें बार-बार ट्रिप की जा रही हैं। ऐसे में वोल्टेज भी दगाबाजी कर रहे हैं। कभी वोल्टेज तेज आने से लोगों के घरों में उपकरण फुंक रहे हैं तो कभी कम वोल्टेज के कारण नलकूप नहीं चल पा रहे हैं। सौभाग्य योजना ने भी इस साल परेशानी बढ़ा दी है। क्योंकि जिले में हजारो नए उपभोक्ता बनाए गए हैं। यही नए उपभोक्ता ओवरलोडिग को बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि कई दशक से बिजली की हाइटेंशन व लो टेंशन लाइनें नहीं बदली गई हैं और लाइनें जर्जर हो चुकी हैं। देहात इलाकों में जर्जर लो टेंशन लाइनें बदलकर उनके स्थान पर एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) डालने का प्रस्ताव भी विद्युत विभाग ने बनाया था। इसके लिए निजी कंपनी से सर्वे कराया गया तो पता लगा कि लगभग एक हजार किलोमीटर की लाइनें बदली जाएंगी। हालांकि आचार संहिता के कारण यह प्रस्ताव भी फिलहाल अधर में लटका हुआ है। बिजली विभाग के अधिकारी कहते है कि जहां भी ओवरलोडिग है, वहां नए ट्रांसफार्मर मंगवाए जा रहे हैं। लाइनें फिलहाल नहीं बदली जाएंगी। इसके लिए अलग से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। जहां भी लाइन में फाल्ट आता है, उसे दुरुस्त कराया जा रहा है।