अली बजरंगबली के चक्कर में चुनाव में दब गयी जमीनी जन समस्याएं: जगदीश राय
https://www.shirazehind.com/2019/04/blog-post_238.html
जौनपुर। चुनावी महासमर शुरू हो गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओ को लुभाने के लिए तरह तरह का दावा कर रही है। कांग्रेस किसानों को 72 हजार रूपये प्रति वर्ष देने का दावा कर रहा है। उधर मौजूदा सरकार हर किसान को छह हजार रूपये देने की शुरूआत कर दिया है। कोई विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहा। उधर अली बजरंगबली के सहारे हिन्दू मुस्लिम वोटो का बैंक बनाने जुट गयी है। इन हवा हवाई वादो के बीच जमीनी समस्या के तरफ किसी का ध्यान ही नही है।
लगातार घटना वन क्षेत्र के चलते पर्यावरण का संतुलन विगड़ गया है जिसका प्रभाव सीधे बारिश पर हो रहा है। प्रति वर्ष औसत से कम हो रही बारिश से वाटर लेवल गिरता जा रहा है। पूर्वाचंल की धरती सूखती जा रही है। इस विकराल समस्या की तरफ किसी भी पार्टी का ध्यान नही है। जल स्तर पाताल में चले जाने का असर हमारे अन्नदाताओ पर सीधा पड़ रहा है। किसान खेतो की सिंचाई पहले पम्पसेट से कर लेते थे लेकिन अब सभी को समर सेबल लगाना पड़ रहा है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में खेतो की सिंचाई करना तो दूर की बात पीने के लिए पानी तक नही मिलेगा। उस समय जब नेता वोट मांगने जायेगें तो उन्हे मतदाताओं से वोट से अधिक पानी मांगना पड़ सकता है।
इस मामले पर जिले बरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय से बातचीत किया गया तो उन्होने कहा कि हम खुद किसान परिवार के है पहले हम लोगो के खेतो की सिंचाई बैलो के सहारे कुएं से होती थी। लेकिन जल स्तर गिरने के बाद पम्पसेट का इस्तेमाल शुरू किया गया। अब पम्पसेंट भी जवाब दे दिया तो सबर सेबल लगाकर सिंचाई किया जा रहा। हम तो सक्षम किसान है लेकिन गरीब किसान की कमर टूट रही है। वे किसी तरह से सिंचाई कर पा रहे है।
श्री राय ने आज की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि भारत की सनातन संस्कृति के मूल सिंधान्त लुप्त हो गये है। कही हम जाने अंजाने में अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में नकली बहस कर रहे है। अली बजरंगबली को अलग मानने वाले सनातन संस्कृति पर ध्यान दे,हमारा ईश्वर एक है जो शून्य है, शिखर है उसके बारे में बहस होना चाहिए तभी भारत विश्व गुरू बनेगा।
लगातार घटना वन क्षेत्र के चलते पर्यावरण का संतुलन विगड़ गया है जिसका प्रभाव सीधे बारिश पर हो रहा है। प्रति वर्ष औसत से कम हो रही बारिश से वाटर लेवल गिरता जा रहा है। पूर्वाचंल की धरती सूखती जा रही है। इस विकराल समस्या की तरफ किसी भी पार्टी का ध्यान नही है। जल स्तर पाताल में चले जाने का असर हमारे अन्नदाताओ पर सीधा पड़ रहा है। किसान खेतो की सिंचाई पहले पम्पसेट से कर लेते थे लेकिन अब सभी को समर सेबल लगाना पड़ रहा है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में खेतो की सिंचाई करना तो दूर की बात पीने के लिए पानी तक नही मिलेगा। उस समय जब नेता वोट मांगने जायेगें तो उन्हे मतदाताओं से वोट से अधिक पानी मांगना पड़ सकता है।
इस मामले पर जिले बरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय से बातचीत किया गया तो उन्होने कहा कि हम खुद किसान परिवार के है पहले हम लोगो के खेतो की सिंचाई बैलो के सहारे कुएं से होती थी। लेकिन जल स्तर गिरने के बाद पम्पसेट का इस्तेमाल शुरू किया गया। अब पम्पसेंट भी जवाब दे दिया तो सबर सेबल लगाकर सिंचाई किया जा रहा। हम तो सक्षम किसान है लेकिन गरीब किसान की कमर टूट रही है। वे किसी तरह से सिंचाई कर पा रहे है।
श्री राय ने आज की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि भारत की सनातन संस्कृति के मूल सिंधान्त लुप्त हो गये है। कही हम जाने अंजाने में अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में नकली बहस कर रहे है। अली बजरंगबली को अलग मानने वाले सनातन संस्कृति पर ध्यान दे,हमारा ईश्वर एक है जो शून्य है, शिखर है उसके बारे में बहस होना चाहिए तभी भारत विश्व गुरू बनेगा।