पारा चढा, शुरू हुई आग की विनाशलीला
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जौनपुर । तेज हवा के साथ अंधड़ के दिन भी शुरू हो गये हैं, जो आगामी दो माह तक जारी रहेगा। वहीं फसल लगभग सूखने के कगार पर हैं और आग लगने पर तेजी से फैलने की भी संभावनाएं बनी रहती हैं। क्योंकि दिन में गर्मी के साथ तेज हवाओं से चिगारी और सूखती फसलों के ऊपर से गुजरते बिजली के तार से स्पार्किंग हादसे का सबब बनते हैं। विगत दिनों कई स्थानों पर खेतों में आग लगने की घटनायें हुई। 45 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले इस जनपद में आग से बचाव के लिए अग्निशमन विभाग की व्यवस्था अपर्याप्त है। अधिकांश घटनाओं में अग्निशमन दस्ता मौके पर तब पहुंचता है जब सब कुछ राख हो जाता है। इस लिए समय रहते ध्यान देने की जरुरत है। ग्रामीणों को सबसे पहले गांवों के सूखे तालाबों को भरवाने के लिए जिम्मेदारों पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि अगलगी की घटना के बाद उन्हें पानी मिल सके और फायर बिग्रेड की गाड़ी में पानी खत्म होने पर पानी की तत्काल व्यवस्था हो सके। गर्मी के दस्तक देते ही आग की लपटें तेज हो जाती हैं। इससे हर वर्ष करोड़ों का नुकसान होता है। कई बार जान-मान की भी हानि होती है। इसे देखते हुए सरकार ने मदद की व्यवस्था की भी किया, जिसके मुताबिक घटना की सूचना लेखपाल को भी दी जाती है, जो क्षति का आंकलन करता है। इसके बाद तहसीलदार की संस्तुति पर एसडीएम को रिपोर्ट प्रेषित की जाती है। यहां मानव की मृत्यु पर चार लाख रुपये, बड़े पशुओं की मौत पर 30 हजार और भेड़-बकरी जैसे छोटे पशुओं की जलने से मौत होने पर तीन हजार रुपये के हिसाब से मदद राशि दी जाती है। फसल की नुकसान होने पर यही रिपोर्ट मंडी समिति को प्रेषित की जाती है, जहां से जांच के बाद मदद राशि संबंधित पीड़ित को दी जाती है। विद्युत विभाग के अधिकारी ने बताया कि जर्जर तारों को चिन्हित कर मरम्मत कराने के साथ ही ढीले तारों को कसा जा रहा है। यदि कहीं भी ऐसी स्थिति हो तो किसान, विभाग को जानकारी दें। तार टूटकर गिरने और स्पार्किंग होने पर नजदीक के उपकेंद्र पर तुरंत सूचित कर आपूर्ति बंद करा दें। अभी से ही विभाग के कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है।