तीन सप्ताह से नही है ऐन्टीरैबिज, 300 खर्च कर मेडिकल से खरीदकर लगवा रहे इंजेक्शन
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मछलीशहर (जौनपुर) स्थानीय
नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन सप्ताह से ऐन्टीरैबिज
इंजेक्शन नही है। जिससे दूर दराज से अस्पताल पहुंच रहे मरीजो को जेब ढीली
करनी पड़ रही है।
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा बराबर दावा किया जा रहा है की जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऐन्टीरैबिज इंजेक्शन उपलब्ध है। वही मछलीशहर सीएचसी में तीन सप्ताह से ऐन्टीरैबिज इंजेक्शन नही मिल रहा है। दूरदराज से पहुंच रहे मरीजों को जेब से तीन सौ रुपये ढीली करनी पड़ रही है जबकि अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी जल्द ही इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कह रहे है। मीरगंज क्षेत्र के करियांव गांव निवासी बृजलाल के पुत्र को तीन दिन पूर्व विद्यालय से घर जाते समय कुत्ते ने काट लिया था वह उसे लेकर मीरगंज पीएचसी पहुंचे जहां से उन्हें मछलीशहर सीएचसी भेज दिया गया। जब यहाँ पहुंचे तो पता चला यहाँ भी इंजेक्शन उपलब्ध नही है दूसरे दिन आये तो वही बात जिसके बाद उन्होंने जेब से तीन सौर रुपये का इंजेक्शन खरीद अपने बेटे को लगवाया। इसी तरह बरेठी गाँव निवासी अनिल यादव ने अपने पुत्र को अब तक तीन इंजेक्शन बाहर मेडिकल से खरीद कर लगवाया। अब तक इंजेक्शन लगवाने में एक हजार रुपये खर्च कर चुके है। इसी तरह ऐन्टीरैबिज के लिये एक दिन में सैकड़ों लोग सीएचसी पहुंच रहे है किंतु उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। इंजेक्शन बाबत अधीक्षक डॉ रफीक फारुखी से बात की गई तो उन्होंने जिले से समाप्त होने की बात बताई। उन्होंने कहा जल्द ही ऐन्टीरैबिज इंजेक्शन उपलब्ध हो जायेगा।
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा बराबर दावा किया जा रहा है की जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऐन्टीरैबिज इंजेक्शन उपलब्ध है। वही मछलीशहर सीएचसी में तीन सप्ताह से ऐन्टीरैबिज इंजेक्शन नही मिल रहा है। दूरदराज से पहुंच रहे मरीजों को जेब से तीन सौ रुपये ढीली करनी पड़ रही है जबकि अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी जल्द ही इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कह रहे है। मीरगंज क्षेत्र के करियांव गांव निवासी बृजलाल के पुत्र को तीन दिन पूर्व विद्यालय से घर जाते समय कुत्ते ने काट लिया था वह उसे लेकर मीरगंज पीएचसी पहुंचे जहां से उन्हें मछलीशहर सीएचसी भेज दिया गया। जब यहाँ पहुंचे तो पता चला यहाँ भी इंजेक्शन उपलब्ध नही है दूसरे दिन आये तो वही बात जिसके बाद उन्होंने जेब से तीन सौर रुपये का इंजेक्शन खरीद अपने बेटे को लगवाया। इसी तरह बरेठी गाँव निवासी अनिल यादव ने अपने पुत्र को अब तक तीन इंजेक्शन बाहर मेडिकल से खरीद कर लगवाया। अब तक इंजेक्शन लगवाने में एक हजार रुपये खर्च कर चुके है। इसी तरह ऐन्टीरैबिज के लिये एक दिन में सैकड़ों लोग सीएचसी पहुंच रहे है किंतु उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। इंजेक्शन बाबत अधीक्षक डॉ रफीक फारुखी से बात की गई तो उन्होंने जिले से समाप्त होने की बात बताई। उन्होंने कहा जल्द ही ऐन्टीरैबिज इंजेक्शन उपलब्ध हो जायेगा।