उद्धार की बाट जोह रहा एएनएम सेंटर तरियारी
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जौनपुर। लगभग पांच दशक पहले निर्मित केराकत विकास खंड के तरियारी गाँव का एएनएम सेंटर आज जर्जर हालत मे अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है यह सेंटर एक दशक पहले तक स्थानीय ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य की लाइफ-लाइन हुआ करता था। वर्ष 1970 में तत्कालीन ग्राम प्रधान भानु प्रताप सिंह के प्रयास से निर्मित उक्त सेंटर उन दिनों ग्रामीड़ों के स्वास्थ्य खासकर महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ। यहां बाकायदा चैबीसों घंटे एक एएनएम निवास करती थी। किंतु धीरे-धीरे भवन जर्जर और वीरान होता गया। बीते एक दशक से तो हालत यह है कि यहां कोई दिखाई ही नहीं पड़ता। उक्त भवन के स्थान पर नए भवन के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाया लेकिन जमीनी स्तर पर कोई नतीजा नहीं निकला। अब यह भवन पूरी तह खाली पड़ा है। गांव के ही निवासी तथा पेशे से अध्यापक राजेश चैबे ने बताते हैं कि पहले यहां एक एएनएम रात्रि निवास करती थी लेकिन इधर पिछले 10 वर्षों से खाली पड़ा है। गांव के अन्य लोग कोमल गुप्ता, संजय यादव, प्रमोद मौर्य, मुन्ना गुप्ता आदि का कहना है कि शायद स्वास्थ्य विभाग यदि इस समस्या की तरफ दे देता तो गांव वालों को हर समय एएनएम उपलब्ध रहती। उधर इस बाबत केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डॉ विशाल यादव ने कहाकि इसके मरम्मत अथवा नए सेंटर के लिये पूर्व में लिखित व मौखिक रुप से विभाग को सूचित किया जा चुका है।