जानिए महिलाओं ने क्यों रोकी ट्रेन, पुलिस ने दबाया आंदोलन
https://www.shirazehind.com/2019/01/blog-post_633.html
जौनपर। बरसठी रेलवे स्टेशन पर बुधवार को तीसरे दिन चल रहे जज सिंह अन्ना
के आंदोलन को समर्थन देने भारी संख्या में पहुंची महिलाओं ने ट्रेन रोक
दी। जनाक्रोश बढ़ता देख पहु़ची पुलिस ने लाठी के बल पर आंदोलन रौंद दिया।
आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी को दवा कराने के बहाने पुलिस वैन में लाद ले
गए। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को अधिकारियों ने हटाने का प्रयास किया
लेकिन एक न सुनी गई। कई ट्रेनें स्टेशन के पास खड़ी करनी पड़ीं।
अन्ना बरसठी रेलवे पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर कई बार ट्रेन रोको आंदोलन कर चुके हैं। यहां शौचालय, प्लेटफार्म लाइट आदि की सुविधा भी नहीं हैं। सोमवार से शुरू हुए आंदोलन का तीसरे दिन सैकड़ों पुरूष व महिलाओं ने भी समर्थन कर दिया। सुबह करीब 10:40 बजे रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। लाल झंडी दिखाते हुए इंटरसिटी ट्रेन रोक दी। रेल विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जानकारी होते ही आला अधिकारियों का जमावड़ा लग गया। ट्रैक से हटने के लिए महिलाओं और पुरुषों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। करीब तीन घंटे तक ट्रेन भी रुकी रही। तब तक एडीएम रमेश मिश्र, एएसपी संजय राय, एसडीएम मड़ियाहूं मोती लाल, आरपीएफ व कई थानों की फोर्स पहुंच गई। काफी मनाने के बाद भी लोग ट्रैक पर से नहीं हटे। यात्रियों को परेशान देख पुलिस ने हल्के बल प्रयोग से लोगों को वहां से खदेड़ दिया। आमरण अनशन तोड़वाने में एडीआरएम रवि पी चतुर्वेदी एवं सहायक कमांडेंट वीके ¨सह असफल हुए तो पुलिस बल ने जबर्दस्ती समाजसेवी को अपनी वैन में लाद लिया। पूछने पर लोगों को बताया गया कि उपचार कराना जरूरी है। एएडीआरएम भी इस मुद्दे पर गोलमोल जबाब देते हुए चले गए। पहले दिन सोमवार को जज ¨सह अन्ना बिना भोजन पानी के आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। बरसठी को स्टेशन का दर्जा, पानी, बिजली, शौचालय आदि मांग को लेकर कई बार रेलवे अधिकारियों को आगाह भी कर चुके हैं, लेकिन रेल महकमा मूलभूत सुविधाओं को दरकिनार करता रहा।
अन्ना बरसठी रेलवे पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर कई बार ट्रेन रोको आंदोलन कर चुके हैं। यहां शौचालय, प्लेटफार्म लाइट आदि की सुविधा भी नहीं हैं। सोमवार से शुरू हुए आंदोलन का तीसरे दिन सैकड़ों पुरूष व महिलाओं ने भी समर्थन कर दिया। सुबह करीब 10:40 बजे रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। लाल झंडी दिखाते हुए इंटरसिटी ट्रेन रोक दी। रेल विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जानकारी होते ही आला अधिकारियों का जमावड़ा लग गया। ट्रैक से हटने के लिए महिलाओं और पुरुषों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। करीब तीन घंटे तक ट्रेन भी रुकी रही। तब तक एडीएम रमेश मिश्र, एएसपी संजय राय, एसडीएम मड़ियाहूं मोती लाल, आरपीएफ व कई थानों की फोर्स पहुंच गई। काफी मनाने के बाद भी लोग ट्रैक पर से नहीं हटे। यात्रियों को परेशान देख पुलिस ने हल्के बल प्रयोग से लोगों को वहां से खदेड़ दिया। आमरण अनशन तोड़वाने में एडीआरएम रवि पी चतुर्वेदी एवं सहायक कमांडेंट वीके ¨सह असफल हुए तो पुलिस बल ने जबर्दस्ती समाजसेवी को अपनी वैन में लाद लिया। पूछने पर लोगों को बताया गया कि उपचार कराना जरूरी है। एएडीआरएम भी इस मुद्दे पर गोलमोल जबाब देते हुए चले गए। पहले दिन सोमवार को जज ¨सह अन्ना बिना भोजन पानी के आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। बरसठी को स्टेशन का दर्जा, पानी, बिजली, शौचालय आदि मांग को लेकर कई बार रेलवे अधिकारियों को आगाह भी कर चुके हैं, लेकिन रेल महकमा मूलभूत सुविधाओं को दरकिनार करता रहा।