भीम आर्मी एकता मिशन ने किया प्रदर्शन
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जौनपुर। भीम आर्मी एकता मिषन की जिला इकाई ने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्षन किया और राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। सभा को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष डा0 अनिल कुमार गौतम ने कहा कि दो अप्रैल 2018 को अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा समाप्त किये जाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया। बाद में केन्द्र सरकार ने इस अधिनियम के फैसले को सुधारने का अध्यादेश लाकर संवैधानिक तरीके से अपना पक्ष रखा अभी मध्य प्रदेश, राजस्थान झारखण्ड सरकारों द्वारा इस घटना में पंजीकृत अपराधिक मुकदमें वापस लिये जा चुके हैं। उन्होने मंांग किया कि अन्य राज्यों में भी इस घटना में पंजीकृत आपराधिक मुकदमें वापस ले और इसमें निरूद्ध लोगों को रिहा करें। इस घटना में शहीद हुए बहुजन आन्दोलन के युवाओं के परिजनों को आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी प्रदान किया जाय। उन्होने कहा कि बिहार के कैनूर में दलित शशिकला के साथ बलात्कार व उसकी हत्या के मामले में शासन प्रशासन न्याय दिलाने में नाकाम रहा। मिशन द्वारा संवैधानिक तरीके से अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी गयी तो प्रशासन द्वारा मिषन के सदस्यों व पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की गयी जो गैर कानूनी है। जिले के खाखोपुर थाना मछलीषह के अनुसूचित जाति की लड़को को लकड़ी के विवाद में दबंगों ने मारा जब विरोध किया तो प्रषासन ने कार्यवाही नहीं किया तब पीड़ितों ने भीम आर्मी को सूचना दिया तो वे खाखोपुर पहुंचे तो दबंगों ने आर्मी के सदस्यो पर हमला बोल दिया। पुलिस द्वारा पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया बल्कि उनके विरूद्ध मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया गया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष एसपी मानव, संयोजक डा0 सुषील कुमार आनन्द, सलाहकार डा0 जगदीष सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।