पूविवि में केन्द्रीय बजट से अपेक्षाएं’ विषयक परिचर्चा आयोजित
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जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबन्ध संकाय के
छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकों के बीच केन्द्रीय बजट कैसा हो? लोगों की क्या
अपेक्षाएं हैं? विषय पर संकाय प्रमुख प्रो. विक्रमदेव आचार्य की अध्यक्षता
में परिचर्चा हुई। इस मौके पर प्रो. आचार्य ने कहा कि घाटे की बजट (कम
आमदनी और खर्च ज्यादा) से सरकार बचने का प्रयास करें। पुराने घाटे को पूर्ण
करने हेतु देश के अन्दर एवं विदेशों में छिपे काले धन को राष्ट्रीय
सम्पत्ति घोषित करके उन्हें जब्त कर लें। इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं के खतरनाक
हो रहे रेडिएशन प्रभाव को कम करने का सार्थक एवं प्रभावी उपाय हो। आयकर
एवं जीएसटी सहित सभी टैक्स हटाकर 0-4 प्रतिशत बीटीटी (बैंक ट्रांजेक्शन
टैक्स) लायें। इससे टैक्स की चोरी बिल्कुल भी नहीं हो सकेगी और रिटर्न भरने
की समस्या से सभी को मुक्ति मिलेगी। सरकार के पास राजस्व पहले से 4 गुना
अधिक आयेगा। उन्होंने कहा कि लोगों के हाथ में अधिक रकम आयेगी तो उपभोग,
बचत, निवेश, मांग, उत्पादन, रोजगार, आय एवं जीडीपी ग्रोथ में भारी वृद्धि
होगी। देश में सुखी-समृद्धि होगी। हत्या, लूट, डकैती, आतंकवाद, भ्रष्टाचार
सब बन्द होगा। कैश ट्रांजेक्शन धीरे-धीरे बन्द करके डिजिटल ट्रांजेक्शन को
बढ़ावा दें। कृषकों के खाद, बीज, कृषि उपकरणों को कर मुक्त एवं कृषि ऋण को
व्याज मुक्त करें। प्रो. आचार्य ने कहा कि इस योजना मे छोटे, सूक्ष्म
व्यापारियों को भी शामिल करें। कृषक आयोग का गठन हो। निश्चित आमदनी का
कानून छोटे किसानों, कृषि मजदूरों एवं शिल्पकारों हेतु लाये। शिल्पकार
बोर्ड का गठन हो। मंहगाई भत्ता सहित सभी भत्तों एवं पेंशन को तत्काल प्रभाव
से आयकर मुक्त कर। जब 8 लाख आय वाले निर्धन मान लिये गये तो 10 लाख आय
वाले वेतन भोगियों को आयकर से तत्काल मुक्त करें। सरकार अपने राजस्व घाटों
को काले धन से भरे, न कि ईमानदार टैक्सपेयर पर अतिरिक्त बोझ डालकर।
अंग्रेजी जमाने द्वारा चली आ रही कानूनी लूट को सरकार बन्द करे। रेलवे में
साधारण बोगियों की संख्या बढ़ाये। अधिक से अधिक साधारण बोगियों वाली ट्रेन
चलाये। साधारण बोगी में स्थान नहीं मिल पाने की स्थिति में मजबूरन यदि कोई
आरक्षित श्रेणी की बोगी में चढ़ता है तो अपमानित या दण्डित न किया जाय। उसे
मानवीय आधार पर सम्मानपूर्वक यात्रा करने दिया जाय। इस अवसर पर तमाम लोगों
की उपस्थिति रही।