मां ने अपने तीन वर्षीय बेटे को गोमती नदी में फेंका
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जौनपुर। एक मां ने अपने तीन वर्षीय जिगर के टुकड़े को शास्त्री पुल से
गोमती नदी में फेंक दिया। एक युवक ने अपने जान की बाजी लगा बीचधार में से
किसी तरह उसे बाहर निकाला। मौत को मात देने वाले मासूम को अस्पताल में इलाज
के बाद छुट्टी मिल गई है। बताया जा रहा है कि पारिवारिक कलह से क्षुब्ध
होकर महिला ने यह कदम उठाया।
गुरुवार दोपहर तकरीबन दो बजे कोतवाली क्षेत्र के बलुआघाट की रहने वाली गुड़िया देवी अपने तीन वर्षीय बेटे नमन को नदी में फेंक भाग गई। यह नजारा देख आस-पास के लोगों का दिल दहल उठा। लोगों की चिल्लाने की आवाज सुन किशन निषाद ने भी नदी में छलांग लगा दी। अपनी ¨जदगी को दांव पर लगा किशन ने मासूम को बचा लिया। इसके थोड़े ही देर बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। बच्चे को बाहर निकल फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया। कुछ देर चले इलाज के बाद बच्चे को उसके घर पहुंचा गया। बच्चे का जिन्दा बचना डॉक्टर भी किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर घरवाले महिला को मानसिक रूप से कमजोर बता रहे हैं। हालांकि सच्चाई कुछ और है। बताया जा रहा है कि पारिवारिक कलह से परेशान होकर महिला ने यह उठाया है। उधर, अपनी जान की परवाह किए बगैर मासूम को बचाने वाले युवक को स्थानीय लोगों ने सम्मानित करने की मांग की है। इस मामले की जानकारी जिसे भी मिली वह चौंक उठा। लोग बच्चे का कुशलक्षेम जानने के लिए अस्पताल भी पहुंचे तो कुछ लोग मां को भी कोसते रहे। इस घटना को लेकर पूरे इलाके में दिन भर चर्चा होती रही। पुलिस का कहना है कि महिला मानसिक रुप से कमजोर है। उस पर लोगों से नजर रखने को कहा गया है।
गुरुवार दोपहर तकरीबन दो बजे कोतवाली क्षेत्र के बलुआघाट की रहने वाली गुड़िया देवी अपने तीन वर्षीय बेटे नमन को नदी में फेंक भाग गई। यह नजारा देख आस-पास के लोगों का दिल दहल उठा। लोगों की चिल्लाने की आवाज सुन किशन निषाद ने भी नदी में छलांग लगा दी। अपनी ¨जदगी को दांव पर लगा किशन ने मासूम को बचा लिया। इसके थोड़े ही देर बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। बच्चे को बाहर निकल फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया। कुछ देर चले इलाज के बाद बच्चे को उसके घर पहुंचा गया। बच्चे का जिन्दा बचना डॉक्टर भी किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर घरवाले महिला को मानसिक रूप से कमजोर बता रहे हैं। हालांकि सच्चाई कुछ और है। बताया जा रहा है कि पारिवारिक कलह से परेशान होकर महिला ने यह उठाया है। उधर, अपनी जान की परवाह किए बगैर मासूम को बचाने वाले युवक को स्थानीय लोगों ने सम्मानित करने की मांग की है। इस मामले की जानकारी जिसे भी मिली वह चौंक उठा। लोग बच्चे का कुशलक्षेम जानने के लिए अस्पताल भी पहुंचे तो कुछ लोग मां को भी कोसते रहे। इस घटना को लेकर पूरे इलाके में दिन भर चर्चा होती रही। पुलिस का कहना है कि महिला मानसिक रुप से कमजोर है। उस पर लोगों से नजर रखने को कहा गया है।