टला बड़ा रेल हादसा ,ग्रामीणों ने लाल कपड़ा दिखा रोकी ट्रेन
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जौनपुर। जंघई-इलाहाबाद रेल खंड स्थित असवां गांव के पास बुधवार को
ग्रामीणों ने लाल कपड़ा दिखाकर काशी एक्सप्रेस को रोक दिया। दरअसल, वहां से
कुछ दूर पर रेल ट्रैक टूटा हुआ था जिस पर समय रहते ग्रामीणों की नजर पड़ गई।
अगर ट्रेन वहां से पार होने लगती तो बड़ा हादसा हो सकता था। खबर लगते ही
जंघई जंक्शन पर तैनात कर्मियों में हड़कंप मच गया।
सुबह पश्चिमी छोर पर 20/सी रेलवे फाटक के पास लगभग दो सौ मीटर दूर असवां गांव के समीप रेल लाइन चटक गई थी। सुबह साथियों संग टहलने निकले असवां गांव के साजन कुमार की नजर टूटी पटरी पर पड़ी तो होश उड़ गए। इसी बीच मुंबई से गोरखपुर जाने वाली 15017 काशी एक्सप्रेस ट्रेन आती दिखी। इस पर वे लाल कपड़ा लेकर ट्रेन रोकने के लिए उसी ओर दौड़ पड़े। ट्रेन चालक मुकुंद ने ग्रामीणों और लाल कपड़ा देखा तो अनहोनी की आशंका से ट्रेन को 100 मीटर पहले ही रोक दिया। जानकारी होते ही आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच गए। टूटी रेल पटरी के संबंध में गेटमैन को सूचना दी गई तो उसके हाथ-पांव फूलने लगे। उसने रेल पथ निरीक्षक जंघई डीएन मिश्र व स्टेशन अधीक्षक दशरथ लाल को इसकी सूचना दी। तत्काल रेल पथ निरीक्षक ने मौके पर पहुंच कर टूटी रेल पटरी की मरम्मत शुरू कराई। कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 50 मिनट बाद ट्रैक ठीक किया जा सका। इसके बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना की गई। तब कहीं जाकर रेल कर्मियों ने राहत की सांस ली । इस दौरान करीब एक घंटे ट्रेन खड़ी रही। हालांकि कुछ देर पहले ही एक मालगाड़ी इसी रूट से गुजरी थी।
सुबह पश्चिमी छोर पर 20/सी रेलवे फाटक के पास लगभग दो सौ मीटर दूर असवां गांव के समीप रेल लाइन चटक गई थी। सुबह साथियों संग टहलने निकले असवां गांव के साजन कुमार की नजर टूटी पटरी पर पड़ी तो होश उड़ गए। इसी बीच मुंबई से गोरखपुर जाने वाली 15017 काशी एक्सप्रेस ट्रेन आती दिखी। इस पर वे लाल कपड़ा लेकर ट्रेन रोकने के लिए उसी ओर दौड़ पड़े। ट्रेन चालक मुकुंद ने ग्रामीणों और लाल कपड़ा देखा तो अनहोनी की आशंका से ट्रेन को 100 मीटर पहले ही रोक दिया। जानकारी होते ही आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच गए। टूटी रेल पटरी के संबंध में गेटमैन को सूचना दी गई तो उसके हाथ-पांव फूलने लगे। उसने रेल पथ निरीक्षक जंघई डीएन मिश्र व स्टेशन अधीक्षक दशरथ लाल को इसकी सूचना दी। तत्काल रेल पथ निरीक्षक ने मौके पर पहुंच कर टूटी रेल पटरी की मरम्मत शुरू कराई। कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 50 मिनट बाद ट्रैक ठीक किया जा सका। इसके बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना की गई। तब कहीं जाकर रेल कर्मियों ने राहत की सांस ली । इस दौरान करीब एक घंटे ट्रेन खड़ी रही। हालांकि कुछ देर पहले ही एक मालगाड़ी इसी रूट से गुजरी थी।