अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है
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जौनपुर।लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता एवं संविधान के समक्ष चुनौती विषय पर बीआरपी
इंटर कॉलेज जौनपुर के मुक्तेश्वर प्रसाद सभागार में विचार गोष्ठी का आयोजन किया
गया गोष्ठी के विशिष्ट वक्ता डॉ एमपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि
धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र हमारे संविधान की शक्ति है धर्मनिरपेक्षता के बिना
लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती है लोकतंत्र में सहिष्णुता ही महत्वपूर्ण तत्व
है जो सुनता है उसमें निर्भीकता के साथ सुनाने की भी शक्ति होनी चाहिए तानाशाह
सुनाता है किन्तु किसी की सुनता नहीं है | अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है विगत
वर्षों में धर्मनिरपेक्षता और लोक तांत्रिक अधिकारों पर हमले की घटनाएं बढ़ी है
संवैधानिक संस्थाओं के प्रति अविश्वसनीय का वातावरण निर्मित के जाने का प्रयास
किया जा रहा है विश्वसनीयता का संकट है यह हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है विशिष्ट
वक्ता संजय श्रीवास्तव महासचिव प्रगतिशील लेखक संघ उत्तर प्रदेश ने अपने संबोधन
में कहा कि भारतीय संविधान लंबे समय तक चल रहे चले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान
स्थापित राष्ट्रीय मूल्यों परंपराओं एवं देश की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते
हुए बनाया गया था क्योंकि हमारी आजादी साझी सहादत की साझी विरासत है दुनिया का इतिहास गवाह है कि जहां जहां भी धर्म
आधारित सरकारें हैं वहां जनतंत्र नहीं है देश में कुछ शक्तियों सांप्रदायिक उन्माद
पैदा कर धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को तबाह करने की कोशिश कर रही है एवं संविधान
को इन्हीं तत्वों से गंभीर खतरा है दीनानाथ सिंह पूर्व विधायक देश की वर्तमान हालत
एवं राजनीति पर विस्तार से चर्चा कर देश के इतिहास पर प्रकाश डाला एवं अच्छे नागरिक बनने के लिए जागरूक रहने की
अपील की गोष्ठी में विजय कुमार कल्पनाथ गुप्ता एसएम तारीख एडवोकेट सुभाष राय विजय
प्रताप सिंह उदल यादव आदि वक्ताओं ने विचार व्यक्त किया अध्यक्षता जगदीश चंद्र अस्थाना
रामनाथ यादव इंद्रजीत पाल ने किया तथा संचालन का जय प्रकाश सिंह कामरेड ने किया
कार्यक्रम में किरण शंकर रघुवंशी सुभाष चंद्र गौतम अवध नारायण यादव सुभाष पटेल
जगन्नाथ शास्त्री विजय राजभर सतनारायण पटेल नीरज श्रीवास्तव संजय उपाध्याय राम
गोपाल सिंह रामजी मल्ला संदीप शर्मा लालमणि सिंह बसंत लाल आदि प्रमुख लोगों ने भाग
लिया |