प्रतिबंध के बाद दोहरा की बिक्री बेतहासा बढ़ी
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जौनपुर। जिले भर में हानिकारक रसायनों व सुपारी का प्रयोग करते हुए जानलेवा तथा नशीला पदार्थ दोहरा की चर्चा यहां से लेकर मुंबई के टाटा हॉस्पिटल तक है । दोहरा से होने वाले जानलेवा नुकसान को देखते हुए तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संगठनों, स्थानीय चिकित्सकों द्वारा समय-समय पर लोगों को दोहरा के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया तथा इसके उत्पादन व विक्री को प्रतिबंधित करने के लिए प्रशासन से भी अनुरोध किया। परिणाम स्वरूप प्रशासन ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से दोहरा का सैंपल एकत्र करके प्रयोगशाला में इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए भेजा। जांच में सभी सैंपल फेल होने तथा दोहरा निर्माण में जानलेवा रसायन के इस्तेमाल की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने इसकी बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया। शुरुआत में कुछ जगह छापेमारी भी हुई कुछ दुकानदारों को दंडित भी किया गया किंतु समय बीतने के साथ दोहरा बिकना आम हो गया। पता चला कि दोहरा की बिक्री अनवरत जारी है । शहर के ओलन्द गंज,काली कुत्ती,कोतवाली चैराहा, जैसीज चैराहा, कलेक्ट्री कचहरी परिसर, शकर मंडी इत्यादि क्षेत्रों में दोहरा की निर्बाध बिक्री जारी है दोहरा की लत लगा चुके लोगों को अब इसे खरीदने के लिए दोगुने से अधिक कीमत देनी पड़ती है । पुलिस चैकी व थाना के आसपास के क्षेत्र दोहरा बिक्री के सबसे सुरक्षित स्थल हैं । दोहरा बिक्री करने वाले दुकानदारों से पूछने पर कुछ दुकानदारों ने बताया कि दोहरा बिक्री से होने वाले लाभ का कुछ हिस्सा ऊपर देना पड़ता है । इस जानलेवा जहर की लत लगा चुके समाज के हर तबके के लोगों को इससे कब और कैसे मुक्ति मिलेगी