खेती-किसानी में वैज्ञानिक जागरूकता से होगी मानव स्वास्थ्य की रक्षा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में  जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने   20-21 दिसंबर को नई दिल्ली में सम्पन्न हुए  18वें भारतीय विज्ञान संचार सम्मेलन में  प्रतिभाग किया।
 उन्होंने   सब्जियों एवं फसलों पर कीटनाशकों एवं रासायनिक उर्वरकों का बढ़ते  अंधाधुंध उपयोग एवं उसके रोकथाम संबंधी उपायों पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
 भारत मे विज्ञान पत्रकारिता के 200 वर्ष विषयक इस सम्मेलन को   राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान,भारत सरकार,नई दिल्ली द्वारा आयोजित किया गया।  डॉ मिश्र ने इस सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए  कहा कि रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उपयोग के प्रति समाज और अन्नदाता में वैज्ञानिक जागरूकता को जगाने की आज सर्वाधिक जरूरत है।  आजीविका की स्रोत फसलों से भारी उत्पादन लेने एवं उसे बचाने के  लिए कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग खेती-किसानी के दौरान व्यापक होने से  उसे पैदा करने वाले अन्नदाता एवं  उपयोग करने वालों   पर  बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग आज इसके कुप्रभावों के चलते गम्भीर रोगों के शिकार हो रहे हैं।उन्होंने देश के अन्नदाता किसानों और फसल उत्पादन से  जुड़े अन्य लोंगो को जागरूक करने के लिए अपना बहुमूल्य सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि समाज में और सम्बन्धित लोंगो में वैज्ञानिक जागरूकता से मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय बोली-भाषा का प्रयोग कर इस वैज्ञानिक जागरूकता अभियान को तत्काल देश भर में लागू किये जाने की जरूरत है।
भारतीय विज्ञान संचार सम्मेलन 2018 में देश के विश्वविद्यालयों, विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानों और पत्रकारिता जगत से जाने माने वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विज्ञान संचारक,  पत्रकार एवं शोधार्थियों सहित 200 से अधिक लोंगो ने प्रतिभाग किया।

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