धर्मातरण कराने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने की छापेमारी हड़कंप
https://www.shirazehind.com/2018/09/blog-post_966.html
जौनपुर । चंदवक थाना क्षेत्र के भूलनडीह, तेजपुर समेत अन्य गांवो हो रहे धर्मातंरण की खबर एक खबरिया चैनल पर दिखाये जाने के बाद गहरी नींद सो रही पुलिस जाग उठी है। पुलिस गांवो में जाकर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है और साथ ही आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए जगह जगह दबिस दिया जा रहा है। अचानक शुरू हुई पुलिसिया कार्यवाही से धर्मातंरण कराने वालो में हड़कंप मच गया है।
एसपी दिनेश पाल सिंह ने बताया कि एसीजेएम पंचम के आदेश पर चंदवक थाने में दो नामजद व ढाई सौ अज्ञात लोगो के खिला मुकदमा दर्ज करके विवेचना किया जा रहा है। साक्ष्य जुटाया जा रहा है। जांच में जो लोग दोषि पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
जौनपुर के पूर्वी छोर पर आजमगढ़, वाराणसी व गाजीपुर जिले की सीमा पर डोभी का इलाका धर्मातरण के जाल में जकड़ता जा रहा है।
इस इलाके के भूलनडीह गांव में सक्रिय ईसाई मिशनरी ने महज 11 वर्ष में जौनपुर सहित अन्य तीन जिलों के 250 गांव में अपना नेटवर्क फैला दिया है। इसके बाद 10 हजार से अधिक अनुयायी हो चुके हैं। यहां प्रत्येक रविवार व मंगलवार को विशाल प्रार्थना सभा होती है। इसमें जटिल रोगों व प्रेतबाधा से मुक्ति के नाम पर लोगों को आकर्षित किया जाता है।
धर्मातरण के इस मकडज़ाल को करीब से जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। भूलनडीह गांव निवासी और अब इस चर्च के मुख्य पादरी व संचालक दुर्गा यादव किसी घातक रोग से 2001 में ग्रसित हो गए। काफी उपचार के बाद भी उन्हें मुक्ति नहीं मिली। 2007 में ठीक होकर मुंबई से गांव आए तो उनकी सोच एकदम बदल चुकी थी और प्रभु यीशु को कई संदेशों के साथ धन्यवाद देते। यहीं से दुर्गा यादव ने इसका विस्तार अपने ही परिवार से शुरू किया। फिर एक-एक कर वह लोगों को जोड़ते चले गए।
इसका प्रभाव बढय़ापार और उमरी गांव में बढ़ता गया। बढय़ापार के सौ में 95 तो उमरी के 400 में से 175 घरों के लोग ईसाइयत के वशीभूत हो गए। अब तक महज डोभी और केराकत इलाके में इनके 12 छोटे-छोटे प्रार्थना स्थल बन चुके हैं।
क्रिसमस के दिन वर्ष 2014 में करीब सात हजार लोग जुटे तो उनमें से काफी को क्रॉस के निशान वाली ताबीज और बाइबिल भेंट की गई। इसके बाद से हर वर्ष लगातार अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई। अब हाल ये है कि क्रिसमस डे के एक सप्ताह पहले से ही उत्सव का माहौल शुरू हो जाता है जो निरंतर बढ़ता जा रहा है।
सनातन से ईसाई धर्म में छल से परिवर्तन करने के आरोप में केंद्र के संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 271 लोगों के खिलाफ बुधवार की शाम मुकदमा चंदवक पुलिस ने दर्ज कर लिया है। इस प्रकरण को लेकर दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता बृजेश सिंह ने धारा 156/3 के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दुर्गा यादव, कीरित राय, जितेंद्र व जौनपुर सहित चार जिलों के 260 पादरी तथा आठ युवतियों के खिलाफ सनातन धर्म के खिलाफ प्रचार करने, लालच व बहला-फुसला कर ईसाई बनाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। अदालत का यह आदेश संज्ञान में लेते हुए मुकदमा दर्ज कर पुलिस विवेचना में जुट गई है।
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन जांच के नाम कोई कार्यवाही पुलिस नही कर रही थी। यह खबर मंगलवार की सुबह से ही एक न्यूज चैनल प्रमुख्ता से दिखाना शुरू किया तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारियों के आदेश पर चंदवक के थानाध्यक्ष शशि चंद्र गांव पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू करने के साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जगह जगह दबिस दिया जा रहा है।
एसपी दिनेश पाल सिंह ने बताया कि एसीजेएम पंचम के आदेश पर चंदवक थाने में दो नामजद व ढाई सौ अज्ञात लोगो के खिला मुकदमा दर्ज करके विवेचना किया जा रहा है। साक्ष्य जुटाया जा रहा है। जांच में जो लोग दोषि पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
जौनपुर के पूर्वी छोर पर आजमगढ़, वाराणसी व गाजीपुर जिले की सीमा पर डोभी का इलाका धर्मातरण के जाल में जकड़ता जा रहा है।
इस इलाके के भूलनडीह गांव में सक्रिय ईसाई मिशनरी ने महज 11 वर्ष में जौनपुर सहित अन्य तीन जिलों के 250 गांव में अपना नेटवर्क फैला दिया है। इसके बाद 10 हजार से अधिक अनुयायी हो चुके हैं। यहां प्रत्येक रविवार व मंगलवार को विशाल प्रार्थना सभा होती है। इसमें जटिल रोगों व प्रेतबाधा से मुक्ति के नाम पर लोगों को आकर्षित किया जाता है।
धर्मातरण के इस मकडज़ाल को करीब से जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। भूलनडीह गांव निवासी और अब इस चर्च के मुख्य पादरी व संचालक दुर्गा यादव किसी घातक रोग से 2001 में ग्रसित हो गए। काफी उपचार के बाद भी उन्हें मुक्ति नहीं मिली। 2007 में ठीक होकर मुंबई से गांव आए तो उनकी सोच एकदम बदल चुकी थी और प्रभु यीशु को कई संदेशों के साथ धन्यवाद देते। यहीं से दुर्गा यादव ने इसका विस्तार अपने ही परिवार से शुरू किया। फिर एक-एक कर वह लोगों को जोड़ते चले गए।
इसका प्रभाव बढय़ापार और उमरी गांव में बढ़ता गया। बढय़ापार के सौ में 95 तो उमरी के 400 में से 175 घरों के लोग ईसाइयत के वशीभूत हो गए। अब तक महज डोभी और केराकत इलाके में इनके 12 छोटे-छोटे प्रार्थना स्थल बन चुके हैं।
क्रिसमस के दिन वर्ष 2014 में करीब सात हजार लोग जुटे तो उनमें से काफी को क्रॉस के निशान वाली ताबीज और बाइबिल भेंट की गई। इसके बाद से हर वर्ष लगातार अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई। अब हाल ये है कि क्रिसमस डे के एक सप्ताह पहले से ही उत्सव का माहौल शुरू हो जाता है जो निरंतर बढ़ता जा रहा है।
सनातन से ईसाई धर्म में छल से परिवर्तन करने के आरोप में केंद्र के संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 271 लोगों के खिलाफ बुधवार की शाम मुकदमा चंदवक पुलिस ने दर्ज कर लिया है। इस प्रकरण को लेकर दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता बृजेश सिंह ने धारा 156/3 के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दुर्गा यादव, कीरित राय, जितेंद्र व जौनपुर सहित चार जिलों के 260 पादरी तथा आठ युवतियों के खिलाफ सनातन धर्म के खिलाफ प्रचार करने, लालच व बहला-फुसला कर ईसाई बनाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। अदालत का यह आदेश संज्ञान में लेते हुए मुकदमा दर्ज कर पुलिस विवेचना में जुट गई है।
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन जांच के नाम कोई कार्यवाही पुलिस नही कर रही थी। यह खबर मंगलवार की सुबह से ही एक न्यूज चैनल प्रमुख्ता से दिखाना शुरू किया तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारियों के आदेश पर चंदवक के थानाध्यक्ष शशि चंद्र गांव पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू करने के साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जगह जगह दबिस दिया जा रहा है।