मुहर्रम में इमाम हुसैन की याद में बहते आंसू इंसानियत का पैगाम देते हैं |
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दो मोहर्रम का जुलूस

जौनपुर : करंजा खुर्द करंजा कलां ब्लाक में मुहर्रम का जुलूस निकला जिसमें मरहूम दरोगा जी के घर के इमामबारगाह में मजलिस हुई जिसमें नजफ़ साहब ने अपने हमनवा के साथ सोज़ख़्वानी पेश की और मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत सय्यद मोहम्मद मासूम साहब ने खेताब किया जिसमें उन्होंने कहा की इमाम हुसैन अ0स0 की शहादत इंसानियत का पैगाम देती है इस्लाम में किसी भूखे की भूख मिटाने से पहले उसका धर्म को नही पूछा जाता इस्लाम में किसी पर ज़ुल्म करने वाला मुसलमान नही हो सकता इस मोहर्रम के महीने में आज से 1379 साल पहले पैगम्बर हज़रत मोहम्मद स0व0 के नवासे को भूका प्यासा बेदर्दी के साथ कर्बला में शहीद कर दिया गया जिसकी याद में हर साल मोहर्रम के महीने में सारी दुनिया के मुसलमान शोक मनाते है और इमाम हुसैन अ0स0 को याद करके आसूं बहाते है और इन आसुओं से इंसानियत का पैगाम देते है इसके बाद उन्होंने कर्बला में हुसैन अ0स0 के ऊपर हुए ज़ुल्म को बयान किया जिसको सुनकर सभी मुसलमान रोते हुए मातम कर रहे थे |

और इसी बीच हज़रत अब्बास अ0स0 का अलम जुल्जनाह हज़रत अली असगर अ0स0 का ताबूत बरामद हुआ करंजाखुर्द गांव की अंजुमन शमशीरे हैदरी, अज़ाए हुसैन कदीम,अज़ाए हुसैन बबरखां दकख्खिनपट्टी ने नौहा मातम करते हुए जुलूस को गांव के ही सदर इमामबाड़ा से होते हुए पूरे गांव में गश्त किया जुलूस के हमराह फैसल हसन तबरेज़, अज़ादार हुसैन, हसनैन कमर दीपू, रिज़वान हैदर राजा, शाहिद मेहंदी, सुल्तान हैदर, असलम ज़ैदी, इमरान ज़ैदी, शिराज़ ज़ैदी,मो अली एडवोकेट,वसी हसन,शानू, फैज़ान, गांधी, शजर मौजूद रहे जुलूस के आखिर में आज़म ज़ैदी ने जुलूस में आएं हुए मोमनीन को तबर्रुक देते हुए नम आँखों से विदा किया