अखण्ड सौभाग्य के लिए रखा निर्जला व्रत
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जौनपुर । भाद्र पद शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मनाए जाने वाले प्राचीन काल से प्रचलित अति महत्वपूर्ण हरितालिका तीज के अवसर पर बुधवार को महिलाओं ने अखण्ड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखा और विधि विधान से शंकर पार्वती का पूजन किया। जनपद के नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में काफी चहल-पहल रही। व्रत से संबंधित खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ उमड़ पड़ी थी। पति के दीर्घ जीवन की मंगल कामना के साथ करने वाले इस व्रत के लिए फल, फूल, माला मिष्ठान खरीदने के लिए भीड़ उमड़ी थी। शाही पुल व अन्य कइ स्थानो पर काफी संख्या में महिलाएं मेंहदी रचा रही थीं। ऐसा लग रहा था जैसे उनमें मेंहदी रचाने की होड़ लगी हो। हिन्दू धर्म में इस व्रत का बड़ा महात्म्य है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से माता गौरी और भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि इस व्रत के प्रताप से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. यहां तक कि पुराणों और लोक कथाओं में भी इस व्रत की महिमा गुणगान मिलता है. यह व्रत जितना फलदायी है उतने ही कठिन इसके नियम हैं. हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन है. इस व्रत के नियम हरियाली तीज और कजरी तीज के व्रत से भी ज्यादा कठोर हैं हिन्दू धर्म में इस व्रत का बड़ा महात्म्य है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से माता गौरी और भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि इस व्रत के प्रताप से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. यहां तक कि पुराणों और लोक कथाओं में भी इस व्रत की महिमा गुणगान मिलता है. यह व्रत जितना फलदायी है उतने ही कठिन इसके नियम हैं. हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन है. इस व्रत के नियम हरियाली तीज और कजरी तीज के व्रत से भी ज्यादा कठोर हैं ।