अकीदत से मनाया ईदे मुबाहेला का पर्व

  जौनपुर। ईदे मुबाहेला इस्लामी जगत का महत्वपूर्ण दिन है जो हर वर्ष इस्लामी कैलेन्डर के जिल्लहिजा माह की 24 तारीख को मनाया जाता है, इस दिन नजरान के कुछ नसरानी (ईसाइ) जो पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद के सामने वाद विवाद करने आये थे और शर्त थी की जो झूठा साबित हो जायेगा उस पर अल्लाह की लानत होगी। जब पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद अपने अहलेबैत इमाम अली   हजरत फात्मा जहरा , इमाम हसन , इमाम हुसैन को लेकर मैदान में पंहुचे तो नसरानियों के लीडर ने कहा कि हजरत मोहम्मद एवं उनका परिवार सच्चा है। इसलिए हम मुबाहेला अर्थात मुकाबले से हटते है ये इस्लाम की फतेह थी। जिसे ईदे मुबाहेला के तौर पर मनाया जाता है, ईदे मुबाहेला के अवसर पर  अजादारी एसोसिएशन द्वारा जश्न ईदे मुबाहेला ए.एम. सनबीन स्कूल उर्दू बाजार में आयोजित किया गया।  कुराने मजीद की तेलावत से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ नज्र का आयोजन किया गया। अध्यक्ष सैयद मोहम्मद हसन ने कहा कि ईदे मुबाहेला हमे हक और सत्य पर डटे रहने की प्ररेणा देती है। अजादारी एसोसिएशन के   संरक्षक ख्वाजा शमाशीर हसन ने कौम की एकता पर बल दिया और कहा कि ईदे मुबाहेला इस्लाम की सत्यता का जीता जागता प्रमाण है।  महासचिव मिर्जा जावेद सुल्तान , तहसीन अब्बास सोनी, अली मंजर, तालिब रजा , शमशीर ने ईदे मुबाहेला की मुबारक बाद पेश की। संचालन असलम नकवी ने किया। एसएम मासूम,   नजर हसन रिजवी एडवोकेट, सरदार हुसैन बबलू, शकील अहमद, इत्यादि मौजूद रहे।

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