राजनीति में बच्चा जिसे समझा, वह बच्चा तो चच्चा का भी चच्चा निकल गया

 डा. क्षेम की प्रतिमा शीघ्र होगी स्थापित : अशोक
 जौनपुर। जनपद की साहित्यिक संस्था क्षेमस्विनी के तत्वाधान में साहित्य वाचस्पति डा. श्रीपाल सिंह क्षेम के 96वें जन्म दिवस पर विराट कवि सम्मेलन एंव मुशायरे का आयोजन होटल रिवर व्यू में किया गया। कार्यक्रम के आरं•ा में डा. क्षेम द्वारा रचित महाकाव्य कृृष्ण द्वैपायन तथा तिलकधारी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विनोद कुमार सिंह द्वारा लिखित पुस्तक डा. श्रीपाल सिंह और उनका काव्य का विमोचन उद्योगपति एवं  समाजसेवी अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि, नगर विकास राज्यमंत्री गिरीशचन्द्र यादव, विशिष्ट अतिथि विधायक जफराबाद डा. हरेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक केराकत दिनेश चौधरी, विधान परिषद सदस्य ब्रजेश सिंह प्रिंसू, पूर्व सदस्य विधान परिषद प्रभावती पाल, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष दिनेश टंडन एंव प्रतापगढ़ के सांसद कुंवर हरिबंश के द्वारा किया गया। इसके उपरांत कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का श्रीगणेश जालौन से पधारी कवयित्री नीलम कश्यप ने-दे, दे तारों की झनकार मइया रस बरसे हमारे अंगना, वाणी वंदना से की। उन्होंने- याद तुम्हारी गर आती है। आंख हमारी भर आती है।। गंध तुम्हारी ले-लेकर करके, हवा हमारे घर आती है।। जैसी गजलों के अलावा बुन्देलखंडी लोकगीत सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। प्रतापगढ़ की धरती से पधारे वीर रस के कवि डा. रणजीत सिंह ने- वतन किस हाल में होगा, यही चिंता सताती है। मुझे एक बार फिर सरहद से, मेरी मां बुलाती है। जैसी रचनाएं सुनाकर देशभक्ति की भावना का संचार किया। इसके बाद इलाहाबाद से पधारे हास्य रस के सशक्त हस्ताक्षर अखिलेश द्विवेदी ने- जो था खराब सबसे वो अच्छा निकल गया। झूठों के घर में भी एक सच्चा निकल गया।। चच्चा ने राजनीति में बच्चा जिसे समझा, वह बच्चा तो चच्चा का भी चच्चा निकल गया। जैसी राजनीतिक कटाक्षों के माध्यम से श्रोताओं को हंसाकर लोटपोट कर दिया। सुल्तानपुर जनपद से पधारी शायरा संदल अफरोज ने-मोम, पत्थर हुआ मनाने पर। तीर बैठा है अब निशाने पर।। खलबली मच गयी हवाओं में, आंधियों में दिया जलाने पर।। जैसी हृदय स्पर्शी गजलें सुनाकर वाहवाही लूटी। इसके बाद राजस्थान से पधारे शायर कुंवर जावेद को संचालक ने काव्य पाठ के लिये आमंत्रित किया तो श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अ•िानंदन किया। उन्होंने- किसी जादू किसी मंतर से नहीं आये हैंं। हम तो गंगा है, समंदर से नहीं आये हैं।। हम कुंवर है, जावेद हैं, जो •ाी है, इसी मिट्टी के हैं, बाहर से नहीं आये हैं।। जैसे मुक्तकों के अलावा अपना प्रसिद्ध गीत- मैं तेरा कौन सा रक्खू नाम। सुबह बनारस रक्खू या फिर, रखूं अवध की शाम।। सुनाकर श्रृंगार रस की अनुपम छटा बिखेर दी। मंच का संचालन कर रहे रवीन्द्र शर्मा ने सीता के धरती में समाहित होने की कविता प्रस्तुत करके करूण रस से कार्यक्रम को पूर्णाहुति दी। अपने अध्यक्षीय संबोधन में अशोक सिंह ने डा. श्रीपाल सिंह क्षेम की प्रतिमा नगर में स्थापित कराने हेतु संकल्प व्यक्त किया। कार्यक्रम के आरं•ा में जौनपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, क्षेमस्विनी के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह एवं शशिमोहन सिंह क्षेम ने अतिथियों का सम्मान पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर किया। उक्त अवसर पर पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, •ााजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ईश्वरदेव सिंह, सुशील दूबे, डा. प्रेमचन्द विश्वकर्मा, रामकृष्ण त्रिपाठी, डा. आरएन त्रिपाठी, स•ााजीत द्विवेदी प्रखर, दीवानी अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष सत्येन्द्र बहादुर सिंह, बीडी सिंह, का. जयप्रकाश सिंह, संतोष कुमार श्रीवास्तव, विनय कुमार सिंह, दुष्यंत सिंह, वीरेन्द्र प्रताप सिंह, डा. पीपी दूबे, लोेलारखनाथ दूबे, डा. रीता दूबे, मधुकर तिवारी, कपिलदेव मौर्य, पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंह, •ााजपा नेता सरदार सिंह, सर्वेश अस्थाना, मा. शिक्षक संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह, डा. रजनीश श्रीवास्तव, डा. तेज सिंह आदि उपस्थित रहे।

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