कुश्ती दंगल ग्रामीणों ने रोका,बताया अपनी जमीन
https://www.shirazehind.com/2018/09/blog-post_630.html
जौनपुर । जिला मुख्यालय से लगभग सात किमी पूर्व दक्षिण तरफ धर्मापुर के पोखरे के पास प्रत्येक वर्ष तीज के दिन होने वाले कुश्ती को लेकर बुधवार को पुनः दो पक्ष आमने सामने हो गये। अखाडे के आसपास बसे काफी संख्या में ग्रामीण पुरुष व महिलायें अखाड़े पर दस बजे सुबह आकर विरोध करते हुए कुश्ती दंगल के कार्यक्रम को रोक दिया। दंगल रोकने वाले पक्ष के बसंता सरोज, शारदा सरोज, हरि सरोज आदि ने आपत्ति जताई की सरकारी अभिलेख में जहां दंगल की जमीन व सरकारी कार्य हेतु छूटी हूई जमीन है वहां कुश्ती दंगल कराना चाहिये। जबकि दंगल जहां हो रहा हे वह उनकी पुश्तैनी जमीन है। दूसरी तरफ इसी गांव के राजेश यादव , ग्रामप्रधान लालचंद यादव, जयहिन्द यादव, कमला यादव, अच्छे लाल निषाद, मेवालाल यादव एव अच्छेलाल यादव आदि का कहना था कि कुश्ती दंगल इसी स्थान पर पिछले पच्चास वर्षों से अनवरत आयोजित हो रहा है।
ज्ञातव्य हो कि उक्त मामले में 17 अगस्त 2014 को भी अखाडा खोदे जाने तथा खूंटा गाडकर कब्जा करने के मामले मे धरना प्रदर्शन हो चुका है। उस दिन जब पहलवान अपने गुरू राममूरत यादव पहलवान के साथ कुश्ती का अभ्यास करने पहुंचे तो वहां का नजारा ही बदला हुआ मिला था तथा पूरे अखाड़े को खोद दिया गया था और अखाड़े में खूंटा गाड़ कर अतिक्रमण कर लिया गया था। ये देखकर अखाड़े के पहलवान आक्रोशित हो उठे तथा खूंटा आदि उखाड़कर फेंक दिया। तथा राममूरत यादव के नेतृत्व मंे लालबहादुर, लक्षमण, गया, कमला प्रसाद, संतलाल, अमित, सुजीत, संजय, अनिल, राजबहादुर, सुशील, सहित सैकड़ो पहलवानो ने अखाड़े में ही प्रदर्शन करते हुये धरने पर बैठ गये। इस पर अखाड़े के आस पास झोपड़ा डाले बसंता सरोज, हीरालाल सरोज, मेवा आदि ने विरोध करना शुरू कर दिया।
ज्ञातव्य हो कि उक्त मामले में 17 अगस्त 2014 को भी अखाडा खोदे जाने तथा खूंटा गाडकर कब्जा करने के मामले मे धरना प्रदर्शन हो चुका है। उस दिन जब पहलवान अपने गुरू राममूरत यादव पहलवान के साथ कुश्ती का अभ्यास करने पहुंचे तो वहां का नजारा ही बदला हुआ मिला था तथा पूरे अखाड़े को खोद दिया गया था और अखाड़े में खूंटा गाड़ कर अतिक्रमण कर लिया गया था। ये देखकर अखाड़े के पहलवान आक्रोशित हो उठे तथा खूंटा आदि उखाड़कर फेंक दिया। तथा राममूरत यादव के नेतृत्व मंे लालबहादुर, लक्षमण, गया, कमला प्रसाद, संतलाल, अमित, सुजीत, संजय, अनिल, राजबहादुर, सुशील, सहित सैकड़ो पहलवानो ने अखाड़े में ही प्रदर्शन करते हुये धरने पर बैठ गये। इस पर अखाड़े के आस पास झोपड़ा डाले बसंता सरोज, हीरालाल सरोज, मेवा आदि ने विरोध करना शुरू कर दिया।