कहीं नकली कोल्ड न कर दे ठण्डा
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जौनपुर । यदि आप कोल्ड ड्रिक खरीद रहे हैं तो जरा सावधान। दुकानदार को रुपए देने से पहले कोल्ड ड्रिक को जांच लें। वह नकली भी हो सकती है, साथ ही गला तर करने के साथ आपकी तबीयत भी खराब कर सकती है। आप सोच रहे होंगे कि ब्रांडेड कंपनियों की कोल्ड ड्रिक पी रहे है। इसमें नकली कैसे हो सकती है? लेकिन यकीन करिए मिलावटखोरी सेे ब्रांडेड बोतलों में भी घटिया स्तर का पेय हो सकता है। इतना ही नहीं अन्य प्रदेशो से लायी जा रही कंपनियों की कोल्ड ड्रिक भी यहां खूब बेची जा रही है। सूत्रों के का दावा है कि टैक्स चोरी कर कोल्ड ड्रिक्स सप्लाई के साथ नकली कोल्ड ड्रिक भी बाजार में उतारी जा रही है। जिले में नकली शीतल पेय पदार्थो की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है। कांच व प्लास्टिक की बोतलों में नकली कोल्ड ड्रिक्स लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है, लेकिन मिलावटखोर अपनी जेब गर्म करने के लिए इसे नजरदांज कर रहे हैं। वेस्ट यूपी में नकली कोल्ड ड्रिक बनाने की फैक्ट्रियां कई बार पकड़ी गई, लेकिन पूर्वान्चल में ब्रांडेड बोतलों में नकली कोल्ड ड्रिक की बिक्री बदस्तूर जारी है। मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में जनता को जहर पिला रहे इन मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने में अफसर सफल नहीं हो पा रहे हैं। यहीं नहीं अफसर नमूने लेकर प्रयोगशाला पर भेज तो देते है, लेकिन प्रयोगशाला की रिपोर्ट बड़ी कंपनी का लेवल होने के चलते हक में ही आती है। हालांकि कोल्ड ड्रिक पीकर बड़ी संख्या में लोग बीमार होते रहे है। गैर प्रांत विशेष कर हरियाणा से टैक्स चोरी का माल कई जिलों में खूब बिक रहा है। यहां अधिक मुनाफा कमाने को हरियाणा से कोल्ड ड्रिक लाकर यहां बेची जा रही है। सूत्रों की माने तो लाखों के इस खेल में राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। ब्रांडेड कंपनियों की सीलबंद बोतलों में अक्सर गंदगी, मक्खी व मच्छर निकलने के मामले आते रहते है। ये प्रकरण नकली कोल्ड ड्रिक्स होने की पुष्टि करती है, क्योंकि ब्रांडेड कंपनियां उच्च तकनीक से अपनी बोतलों की पै¨कग व पेय पदार्थ बोतलों में भरती है। वहां टेंपरेचर, फिल्टर और गंदगी न हो इसके लिए विशेष तरह की मशीन होती है। तापमान के कारण मक्खी, मच्छर व गंदगी की गुजाइंश न के बराबर होती है, लेकिन अक्सर बोतलों में गंदगी की शिकायतें आती रही है। खाद्य विभाग के अधिकारी इस आरे ध्यान नहीं दे रहे हैं, कोल्ड ड्रिक के उत्पातों की न वे जांच कर रहे हैं न नमूने ले रहे हैं और विभाग के निरीक्षक महीने भर क्या करते हैं कितनी जांच आदि होती है जो दुकानों और जनसंख्या के हिसाब से नगग्य है। विभाग केवल त्योहारों पर अभियान चलाकर कोटापूर्ति करता है और नकली सामानों से बाजार भरा है। वे पूरे साल अपनी जेब भरने के लिए जोर आजमाइश करते रहते हैं।