भारतीयता की पहचान है हिन्दी भाषाः डा. ब्रजेश यदुवंशी
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जौनपुर।
हिन्दी का एक-एक शब्द मंत्र है। हिन्दी भाषा भारतीयता की पहचान है। उक्त
विचार सिविल लाइन के पास स्थित एक होटल में
आयोजित ‘हिन्दी भाषा और आज का युवा’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि
शिक्षाविद् व साहित्यकार डा. ब्रजेश यदुवंशी ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे
कहा कि जब तक हिन्दी को रोजी-रोटी से नहीं जोड़ा जायेगा, तब तक युवा वर्ग का
रूझान अंग्रेजियत की तरफ बढ़ता ही जायेगा। डा. यदुवंशी ने कहा कि अमरीका,
चीन व जापान के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ायी जा रही है जिसका
मूल कारण है भारत का व्यापार। उन लोगों का मानना है कि भारत में भारतीय
भाषा का प्रयोग कर अपने व्यापार को जबर्दस्त तरीके से बढ़ाया जा सकता है।
दुर्भाग्य की बात है कि इसके बावजूद भारतीय युवा अंग्रेजियत का शिकार हो
रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर
महाविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. देवेन्द्र उपाध्याय ने कहा
कि हिन्दी की रोटी खाने वाले ही ज्यादातर अंग्रेजियत के शिकार होते जा रहे
हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। संगोष्ठी को विवेक यादव, विकास सिंह रागी, डा.
शैलेन्द्र यादव, ऋषभ सिंह, कमलेश मौर्या, भोलू सिंह, अनिल केसरवानी,
शैलेन्द्र सिंह, कपिलराज यदुवंशी, हरिओम यादव सहित अन्य वक्ताओं ने भी
सम्बोधित किया। संगोष्ठी का संचालन विशाल मौर्या ने किया। इस अवसर पर अमन
सिंह, शक्ति सिंह, शिवम सिंह, अनिल यादव, आनन्द यादव, नीलेश मौर्य सहित
तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में कार्यक्रम संयोजक कृष्ण मुरारी मिश्र ने
समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।