बेटे का जमानत न होने से सदमे थे गोली मारकर आत्महत्या करने वाले सुरेन्द्र सिंह
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जौनपुर। सुरेरी थाना क्षेत्र के सीठुपुर गांव निवासी श्री सहदेव इंटर कालेज भोड़ा
जौनपुर से आठ वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त बड़े बाबू 70वर्षिय सुरेंद्र सिंह ने
शुक्रवार की देर रात अपने मकान के एक कमरे में अवैध असलहे से गोली मारकर
आत्महत्या कर ली। बंद कमरे को तोड़कर जब पुलिस
अन्दर गयी तो पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा था अब मैं जिंदगी
से ऊब चुका हूं। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। अनावश्यक मेरे परिवार या किसी
को परेशान न किया जाए। मृतक गांव के ही एक मामले में हत्या का प्रयास व
गांव के ही एक अन्य मामले में हत्यारोपी है। जिसमें मृतक का पुत्र अभी भी
जेल में बंद है। जबकिे मृतक बिमारी के कारण जेल से जमानत पर रिहा हुआ
था।उसी मामले में पुत्र व अन्य लोगों की जमानत ना हो पानेे के कारण तनाव
में चल रहा था।
बताते हैं कि विद्ययालय से सेवानिवृत्त होने के बाद से ही सुरेंद्र सिंह पत्नी चिंता सिंह व बड़े पुत्र अजीत सिंह और बहू बंदना सिंह के साथ घर पर ही रहते थे। दूसरा पुत्र सुजीत बाम्बे व छोटा पुत्र रंजीत परिवार समेत पंजाब में रहते हैं तीन साल पूर्व पत्नी का भी निधन हो गया। वर्ष 2016 में किसी बात लेकर गांव के लालचन्द सिंह से उनका विवाद हो गया। इस दौरान गांव निवासी लालचन्द सिंह व उनके एक रिश्तेदार कपसेठी वाराणसी निवासी अजय सिंह की मौत हो गई थी।उक्त मामले में सुरेंद्र और उनके पुत्र अजीत सिंह समेत छ: पर पीट-पीटकर हत्या ,बलबा व हत्या के प्रयास का आरोप लगा। पुलिस ने पिता-पुत्र समेत सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कई महीने बाद सुरेंद्र सिंह जमानत पर जेल से बाहर आ गये । लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी बेटे व अन्य आरोपियों की जमानत नहीं हो पायी थी ।मृतक की बहु बंदना के मुताबिक वे तभी से वे तनाव में चल रहे थे। शुक्रवार की रात भोजन करने के बाद सुरेंद्र अपने कमरे में सोने चले गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिए। रात करीब दो बजे उनके कमरे में गोली चलने की आवाज आई। बहू ने अंदर से दरवाजे के बंद होने पर शोर मचाया तब तक गांव के लोग पहुँच गए। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई स्थानीय पुलिस रात में ही मौके पर पहुंची।
ग्रामप्रधान व परिजनों की मौजूदगी में दरवाजा तोड़कर मृतक के शव को बाहर निकाला गया ।वही मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट व अबैध असलहा मिला। सुसाइड नोट को पुलिस अपने पास रख व असलहे को सील कर परिजनो की मौजूदगी में शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । थानाध्यक्ष मदनलाल ने बताया सेवानिवृत्त बड़े बाबू अबैध असलहे से गोली मारकर अत्महत्या कर लिया था। असलहे को सील कर शव को अन्त्य परीक्षण को भेज दिया गया।
बताते हैं कि विद्ययालय से सेवानिवृत्त होने के बाद से ही सुरेंद्र सिंह पत्नी चिंता सिंह व बड़े पुत्र अजीत सिंह और बहू बंदना सिंह के साथ घर पर ही रहते थे। दूसरा पुत्र सुजीत बाम्बे व छोटा पुत्र रंजीत परिवार समेत पंजाब में रहते हैं तीन साल पूर्व पत्नी का भी निधन हो गया। वर्ष 2016 में किसी बात लेकर गांव के लालचन्द सिंह से उनका विवाद हो गया। इस दौरान गांव निवासी लालचन्द सिंह व उनके एक रिश्तेदार कपसेठी वाराणसी निवासी अजय सिंह की मौत हो गई थी।उक्त मामले में सुरेंद्र और उनके पुत्र अजीत सिंह समेत छ: पर पीट-पीटकर हत्या ,बलबा व हत्या के प्रयास का आरोप लगा। पुलिस ने पिता-पुत्र समेत सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कई महीने बाद सुरेंद्र सिंह जमानत पर जेल से बाहर आ गये । लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी बेटे व अन्य आरोपियों की जमानत नहीं हो पायी थी ।मृतक की बहु बंदना के मुताबिक वे तभी से वे तनाव में चल रहे थे। शुक्रवार की रात भोजन करने के बाद सुरेंद्र अपने कमरे में सोने चले गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिए। रात करीब दो बजे उनके कमरे में गोली चलने की आवाज आई। बहू ने अंदर से दरवाजे के बंद होने पर शोर मचाया तब तक गांव के लोग पहुँच गए। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई स्थानीय पुलिस रात में ही मौके पर पहुंची।
ग्रामप्रधान व परिजनों की मौजूदगी में दरवाजा तोड़कर मृतक के शव को बाहर निकाला गया ।वही मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट व अबैध असलहा मिला। सुसाइड नोट को पुलिस अपने पास रख व असलहे को सील कर परिजनो की मौजूदगी में शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । थानाध्यक्ष मदनलाल ने बताया सेवानिवृत्त बड़े बाबू अबैध असलहे से गोली मारकर अत्महत्या कर लिया था। असलहे को सील कर शव को अन्त्य परीक्षण को भेज दिया गया।