पूर्वाचंल के लोगो का सिनेजगत में है दबदबाः शबाना आजमी
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जौनपुर। फिल्म अभिनेत्री व पूर्व सांसद शबाना आजमी ने कहा कि आज महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। जरुरत है उन्हें सही मंच देने की और समाज को जागरुक करने की। समाज में यह अहम धारणा बन गयी है कि महिलाओं की जगह सिर्फ घर गृहस्थी संभालने के लिए ही है और पुरुष समाज बाहर के कार्यों के लिए बना है जबकि महिलाओं ने समय-समय पर यह साबित किया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। शबाना आजमी ने उक्त बातें सोमवार को मोहम्मद हसन इण्टर कालेज में गेस्ट हाउस, मोहम्मद हसन डिग्री कालेज में जिम व योग भवन के उद्घाटन के बाद याद-ए-कैफी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि यूपी में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और पूरे विश्व में यूपी का डंका समय-समय पर बजता रहा है। जरुरत है उचित मंच व प्रतिभाओं को सामने लाने की। आज शिक्षा को सिर्फ रोजी रोटी से जोड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि ऐसी शिक्षा अपने बच्चों को देनी चाहिए जिससे कि वे समाज की मुख्य धारा में रहकर विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रोशन करें। आज जिस तरह से यहां बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया उससे यह साबित हो गयी कि शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद, नाटक व ऐसी शिक्षा छात्रों को देनी चाहिए जिसमें वह रुचि रखते हो। फिल्मी दुनिया में भी यूपी के लोगों ने अपना परचम लहराया है और आज भी विश्व में यूपी के लोगों का दबदबा बना हुआ है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कैफी संचार भवन के चालू न होने पर उन्होंने दुख प्रकट किया और कहा कि राजनीतिक रस्साकसी के चलते आज कैफी संचार भवन अधूरा पड़ा है जबकि मैंने सांसद रहते हुए यहां के लोगों के लिए लाखों रुपये विश्वविद्यालय को दिये थे। ऐसे में अब यहां की जनता सरकार से सवाल करें और कैफी आजमी साहब के सपनों को पूरा करें। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले नफ़ीसा सिद्दीकी ने तेलावते हम्द से किया। स्वागत का मो. हसन इण्टर कालेज के प्राधानाचार्य मो. नासिर ने बुके देकर किया। शबाना के भाई बाबा आज़मी का स्वागत मो. हसन पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खां ने किया। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. पीसी पातंजलि का स्वागत किया गया। मो. हसन इण्टर के बच्चों के द्वारा देशभक्ति, महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इण्टर कालेज की छात्रा अरिबा, अरिजा ने कैफी आज़मी साहब की गज़ल को पेश करके शाबाना आज़मी जी का मन मोह लिया। इसके बाद शाबाना ने मंच पर पहुंचकर छात्रा को गले लगा लिया और प्रोत्साहित किया। स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्राचार्र्य ने कहा कि कैफी आज़मी साहब की कोई गज़ल व शायरी, जिंदगी पर रौशनी डाले तो वह अपनी जिंदगी में बहुत कुछ बदल सकता है। उनकी जिंदगी हमेशा बच्चियों की शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण में गुजरी है। पूर्वांचल में बहुत कुछ शिक्षा के क्षेत्र में किया है। शबाना आज़मी ने कहा कि हमेशा से मोहम्मद हसन ग्रुप के समस्त कालेजों में गत कई वर्षों से आना-जाना रहा है। शिराजे-हिन्द जौनपुर में मोहम्मद हसन कालेज में 80 प्रतिशत बच्चियों को शिक्षा दी जाती हैं जो शिराजे-हिन्द जौनपुर की एक मिशाल के रूप में जाना जाता है। डॉ. अब्दुल कादिर की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम हैं क्योंकि इन्होंने महाविद्यालय को इतनी ऊंचाईयों तक पहुंचाने का काम किया है यह एक प्रेरणा स्त्रोत है। इनकी बातों से मैं अपने गांव मिजवां में एक कैफी आज़मी के नाम पर एक कालेज की स्थापना बहुत ही जल्दी करुंगी। जिससे आस-पास के अशिक्षित बच्चियों कों शिक्षा के प्रति प्रेरित कर सकूंगी। पिता कैफी आज़मी की शायरी देश के हर कोने में पढ़ी जाती है। इससे बहुत शक्ति और प्रेरणा जागृत होती है। इस मौके पर महाविद्यालय के अध्यक्ष युसुफ अंसारी, डालिम्स स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. अल्का गुप्ता, डॉ. शहनवॉज, डॉ. कमरूद्दीन शेख, शारिक, सुशील सिंह, डॉ. जीवन यादव, डॉ. शाहिद अलीम, अरशद कमाल, मास्टर रामदुलार, तंजीरूल रहमान, मो. जैस, अनवर अल्वी, सलाहुद्दीन फैज़ी, डॉ. केके सिंह, डॉ. शाहिदा परवीन, डॉ. अजय विक्रम, डॉ. अब्दुल हलीम हाशमी, डॉ. राकेश कुमार बिन्द इत्यादि प्रवक्तागण उपस्थित रहे। संचालन मो. अहमद सह संचालन सहजाद आलम ने किया।