एनएमसी बिल पर हड़ताल पर चिकित्सक
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जौनपुर। आईएमए के सदस्यों ने एनएमसी बिल 2018 के लोक सभा में पेश होने के विरोध में देश भर के चिकित्सकों के साथ यहा भी एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया, जिसमें सभी चिकित्सकों ने ओपीडी ऑपरेशन एवं इमरजेंसी कार्यों का निष्पादन नहीं किया। इस संबंध में एक सामान्य बैठक आईएमए भवन लाइन बाजार जौनपुर में हुई जिसमें सभी सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किए। कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 विनोद कुमार सिंह ने इस बिल का विरोध करते हुए चेतावनी दी कि यदि बिल पारित हुआ तो देश भर में चिकित्सक आईएमए के बैनर तले आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे । सचिव आईएमए डॉक्टर जाफरी ने बताया की आईएमए के विरोध के बावजूद इनएनएमसी बिल में जो बदलाव किए गए हैं वह अभी भी गरीब विरोधी संघीय विरोधी तथा अमीरों को रास आने वाले हैं जिसके कारण आने वाले समय में चिकित्सा की गुणवत्ता खराब होने वाली एवं चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई महंगी होने वाली है। इस बिल के पास होने के बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा अत्यंत महंगी हो जाएगी तथा इसके कारण गरीब चिकित्सा सुविधा से महरूम रह जाएंगे। पिछड़े, तथा गरीब वर्ग के मेडिकल छात्रों का प्रदर्शन पिछली नीट परीक्षा में अच्छा नहीं रहा था। इस बिल के पारित होने के बाद एग्जिट एग्जाम की व्यवस्था लागू होने के कारण पिछड़े तथा गरीब वर्ग के छात्रों को और असुविधा होगी तथा वे अपने राज्यों के चिकित्सा काउंसिल मेें पंजीकृत होनेे से रह जाएंगे और चिकित्सा सेवा नहीं दे पाएंगे जिससे देश में चिकित्सकों की और कमी व्याप्त हो जाएगी। आईएमए भवन में जुटे चिकित्सकोेें ने एक स्वर से इस बिल का विरोध किया तथा इसको जनतांत्रिक, संघ विरोधी, गरीब विरोधी और अमीरो को रास आने वाला बताया। सभा के बाद आईएमए के सदस्यो ने सिटी मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर डॉक्टर अजीत कपूर, डॉ0 तेज सिंह, डॉक्टर बीपी सिंह, मेजर एके मौर्या, डॉ0 बीके यादव, डॉक्टर उत्तम गुप्ता डॉ एसएन वर्मा ,डॉक्टर संजय सिंह, डॉ0 विनय तिवारी, डॉक्टर इम्तियाज, डॉ0 रहमान, डॉ0विकाससिंह, डॉ0 मनमोहन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।