बिहार की तर्ज पर जौनपुर के अधिकारियों ने लूटा सरकारी धन, जानियें कैसे हुई लूट खसोट
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जौनपुर। जिले के अधिकारियों ने भी बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर सरकारी धन को जमकर लूटा है। बस फर्क इतना है कि वहां पशुओ का चारा खाया गया था यहां पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों ने मोटर साईकिल का नम्बर डालकर इंण्डिगो कार को कागजो पर दौड़ाकर कई लाख रूपये डकारा है। एक आरटीआई कार्यकर्ता की पहल पर यह भ्रष्टाचार उजागर होने से विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। उधर सीडीओ ने इसकी जांच पीडी को सौपा दिया है लेकिन चार महीना बीतने के बाद भी जांच पूरी नही हो पायी है।
जिले में कुल 21 बाल विकास की परियोजनाएं चलायी जाती है। जिसमें 12 कार्यालयों के सीडीपीओ को क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए सन् 2017-2018 के लिए 12 चार पहिया वाहनो के लिए टेण्डर निकाला गया। यह टेण्डर किशन टूर एण्ड टैªवेल्स ऐजेंसी इलाहाबाद का खुला। सभी वाहनो का भुगतान 18 हजार रूपये प्रतिमाह देना तय किया गया। इन गाड़ियां से सीडीपीओ कागजो में अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण करते रहे। लेकिन जब आरटीआई कार्यकर्ता राजेश कुमार को इसकी जानकारी हुई तो उसने जन सूचना अधिकार के तहत गाड़ियों के नम्बर समेत अन्य जानकारियां विभाग से मांगी। आरटीआई कार्यकर्ता ने शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को बताया कि आरटीआई में विभागीय अधिकारियों ने केन्द्र पर चलने वाले गाड़ियों के नम्बर और प्रकार की सूचना दिया। विभाग द्वारा दिये गये सूचना में बक्शा केन्द्र की सीडीपीओ शशि यादव को इंडिगों कार संख्या यूपी 70 सीई 6715 देना बताया गया है। जब इस नम्बर की तहकीकात किया गया तो यह नम्बर इंडिगों कार का नही बल्की हीरो होण्डा पैंशन प्रो का निकला। इस मोटर साईकिल की मालकिन इलाहाबाद जिले के राजरूपपुर मोहल्ले की राधा केशरवानी है।
इस नम्बर के वाहन का भुगतान सितम्बर से लेकर मार्च महीने तक करीब 12 लाख 60 हजार रूपये कर दिया गया।
शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम ने इस मामले की जानकारी के लिए सीडीपीओ शशि यादव से पुछा कि आप किस वाहन से क्षेत्र में भ्रमण कर रही है तो उन्होने बताया कि मुझे चलने के लिए बोलेरो गाड़ी दिया गया है जब उनसे गाड़ी नम्बर और ड्राईबर का नाम पुछा गया तो वे नही बता पायी।
उधर शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी जीडी यादव से इस घोटाले के बारे में जानकारी मांगी गयी तो उन्होने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार किया। अनौपचारिक वार्ता में उन्होने कहा कि यह लिपिक से गलती हुई। लेकिन सबसे हैरत की बात है कि जिस वाहन से सरकारी अधिकारी चलता है उस वाहन का ड्राईबर प्रतिदिन लागबुक भरता है। उसमें पूरी भ्रमण का किलोमीटर और जगह लिखता है लागबुक पर अधिकरी अपना हस्ताक्षर करता है। इसके बाद भी कार्यक्रम अधिकारी का यह बयान कही न कही उन्हे भी कटघरे में खड़ा कर रहा है।
सीडीओ आलोक सिंह ने शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को बताया कि इसकी जांच पीडी को सौपी गयी है। लेकिन उनका तबादला होने के बाद दूसरे पीडी आ गये है जल्द ही जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही किया जायेगा।
जिले में कुल 21 बाल विकास की परियोजनाएं चलायी जाती है। जिसमें 12 कार्यालयों के सीडीपीओ को क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए सन् 2017-2018 के लिए 12 चार पहिया वाहनो के लिए टेण्डर निकाला गया। यह टेण्डर किशन टूर एण्ड टैªवेल्स ऐजेंसी इलाहाबाद का खुला। सभी वाहनो का भुगतान 18 हजार रूपये प्रतिमाह देना तय किया गया। इन गाड़ियां से सीडीपीओ कागजो में अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण करते रहे। लेकिन जब आरटीआई कार्यकर्ता राजेश कुमार को इसकी जानकारी हुई तो उसने जन सूचना अधिकार के तहत गाड़ियों के नम्बर समेत अन्य जानकारियां विभाग से मांगी। आरटीआई कार्यकर्ता ने शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को बताया कि आरटीआई में विभागीय अधिकारियों ने केन्द्र पर चलने वाले गाड़ियों के नम्बर और प्रकार की सूचना दिया। विभाग द्वारा दिये गये सूचना में बक्शा केन्द्र की सीडीपीओ शशि यादव को इंडिगों कार संख्या यूपी 70 सीई 6715 देना बताया गया है। जब इस नम्बर की तहकीकात किया गया तो यह नम्बर इंडिगों कार का नही बल्की हीरो होण्डा पैंशन प्रो का निकला। इस मोटर साईकिल की मालकिन इलाहाबाद जिले के राजरूपपुर मोहल्ले की राधा केशरवानी है।
इस नम्बर के वाहन का भुगतान सितम्बर से लेकर मार्च महीने तक करीब 12 लाख 60 हजार रूपये कर दिया गया।
शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम ने इस मामले की जानकारी के लिए सीडीपीओ शशि यादव से पुछा कि आप किस वाहन से क्षेत्र में भ्रमण कर रही है तो उन्होने बताया कि मुझे चलने के लिए बोलेरो गाड़ी दिया गया है जब उनसे गाड़ी नम्बर और ड्राईबर का नाम पुछा गया तो वे नही बता पायी।
उधर शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी जीडी यादव से इस घोटाले के बारे में जानकारी मांगी गयी तो उन्होने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार किया। अनौपचारिक वार्ता में उन्होने कहा कि यह लिपिक से गलती हुई। लेकिन सबसे हैरत की बात है कि जिस वाहन से सरकारी अधिकारी चलता है उस वाहन का ड्राईबर प्रतिदिन लागबुक भरता है। उसमें पूरी भ्रमण का किलोमीटर और जगह लिखता है लागबुक पर अधिकरी अपना हस्ताक्षर करता है। इसके बाद भी कार्यक्रम अधिकारी का यह बयान कही न कही उन्हे भी कटघरे में खड़ा कर रहा है।
सीडीओ आलोक सिंह ने शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को बताया कि इसकी जांच पीडी को सौपी गयी है। लेकिन उनका तबादला होने के बाद दूसरे पीडी आ गये है जल्द ही जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही किया जायेगा।