मानसून पीछे होने से जनमानस में हाहाकार
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जौनपुर। इस साल भी गणना से पीछे हो गया मानसून। मानसून की गणना के मुताबिक आम तौर पर अपने यहां मानसून सत्र 15 जून से ही माना जाता है। इसलिए कि इस तिथि से काफी बारिश होनी शुरू हो जाती है कितु आज ग्लोबल वार्मिंग के चलते इसकी रफ्तार भी धीमी हो गई है। पिछले तीन दशक के मौसम संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण से साफ है कि प्रदेश में मानसून करीब 15 से 20 दिन की देरी से आ रहा है। मौसम विभाग भी मानसून के आगमन की तारीख बदलने की तैयारी में जुट गया है। ऐसी स्थिति में कृषि योजना सहित खेती से जुड़ी सारी योजनाओं को नए सिरे से प्लान करना होगा। जनपद के अधिकांश भागों में वर्षा केवल मानसून के तीन चार महीनों में होती है। बड़े तालाबों, नहरों से दूर स्थित गांवों में शेष महीनों में पीने के पानी का संकट हो जाता है। उन इलाकों में भी जहां वर्षाकाल में पर्याप्त बारिश होती है, पानी के संचयन की व्यवस्था की कमी के कारण मानसून पूर्व लोगों को कष्ट सहना पड़ता है। मानसून में हो रही देरी से अब सभी लोग बेचैन हो चले हैं। तेज धूप और गर्मी से पूरा बदन जल रहा है। पंखे और कूलर भी राहत नहीं दे पा रहे हैं। लोग पेड़-पौधों की छांव में किसी तरह दिन गुजार रहे हैं। कहते है कि वर्षा वाले दिन कम होने का अनुभव अब लोग भी कर रहे हैं। बताते हैं कि पहले सात-सात दिनों तक बारिश नहीं रुकती थी। उस दौरान लगातार कभी तेज तो कभी धीमी बारिश होती ही रहती थी। अब तो मानसून के दौरान भी दिन में तीन-चार घंटे लगातार बारिश होना भी बड़ी बात लगती है। जुलाई-अगस्त में कुछ दिन तेज बारिश होती है तो कुछ दिन तेज धूप और सूखा रहता है। यह जलवायु परिवर्तन का ही लक्षण हैं। पर्यावरण विद् बताते हैं कि मानसून शब्द की उत्पत्ति अरब शब्द मौसिन से हुई है। इसका अर्थ होता है मौसम। सालाना आगमन के कारण ही इस खास जलवायु का नाम मानसून पड़ा। भारत में मानसून की अवधि चार महीने यानी एक जून से 30 सितम्बर तक मानी जाती है। इससे संबंधित सभी भविष्यवाणियां 16 अप्रैल से 25 मई के दौरान की जाती हैं। ज्ञात हो कि एक दो दिन में भले आसमान में बादल दिखाई देते हों लेकिन गर्मी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पारे में उछाल कायम है। दिन में तेज धूप से बाहर निकलना मुश्किल है। गुरूवार को अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड पहुंच गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस सप्ताह तेज धूप व उमस बनी रहेगी, बादल भले दिखाई दे रहे हों लेकिन 25 जून के बाद बारिश होने की संभावना है। लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के कारण शहरवासियों का जीना दूभर है। चिलचिलाती धूप व उमस लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। तेज धूप के कारण दोपहर के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी गर्मी से निजात मिलने की संभावना है। तापमान में वृद्धि बनी रहेगी। 25 जून के बाद बारिश का संभावना बन रही है। इसके बाद ही तापमान में गिरावट होगी।