गायत्री महायज्ञ में भजनों की रसधार बही

जौनपुर। गायत्री प्रज्ञा मण्डल जज कालोनी के प्रांगण में आयोजित चार दिनी नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को शुभारंभ योग से हुआ। देव संस्कृति महाविद्यालय शान्तिकुन्ज हरिद्वार से प्रशिक्षित योगाचार्य अभिषेक मिश्र ने श्रद्धालुओं को आसनों से शरीर पर पड़ने वाले सुप्रभावों के बारे में बताया कि ध्यान व प्राणायाम से मधुमेह व हृदय रोग से बचा जा सकता है। योग का अर्थ कर्म की कुशलता तथा निष्काम भाव से किया हुआ हर काम है। अनाशक्ति का भाव ही योग है। इसके पश्चात भक्तिभजनों ने लोगों का मनमोह लिया। शान्तिकुन्ज से आये हरिशकर व शभू पाण्डेय ने भक्तिभजनों की गंगा बहायी। प्रातःकाल टोली नायक राजकुमार भृगु ने नौ कुण्डीय यज्ञ का शुभारंभ किया। आचार्य भृगु ने साधकों को यज्ञ की गौरवमयी परंपरा के महत्व के बारे में कहा कि यज्ञ का अर्थ श्रेष्ठ कर्म तथा चिन्ह पूजा के माध्यम से श्रेष्छ कर्म और उसपर चलने की प्रेरणा मिलती है। सांयकाल प्रवचन का कार्यक्रम हुआ। प्रज्ञा पुराण कथा का साधकों ने रसपान किया। आचार्य देश बन्धु पदमाकर मिश्र ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज्ञान और सत्य जब हमारी आत्मा और अन्र्तमन में उतरता है सारे कष्ट अपने आप नष्ट हो जाते है।

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