कलश यात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जौनपुर। गायत्री प्रज्ञा मण्डल जज कालोनी कचहरी के प्रांगण में आयोजित चारदिवसीय नव कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व संस्कार महोत्सव के प्रथम दिन रविवार को भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। इस अवसर पर पीत वस्त्रधारी श्रद्धालु महिला भक्तों ने 251 जल कलशो को सिर पर धारण किया। कलश यात्रा के आगे भगवान गणेश के प्रतीक स्वरूप हाथी और उसके पीछे शौर्य के प्रतीक दो दो अश्वों से सुसज्जित दो रथ तथा उसके पीछे कुंवारी कन्यायें सिर पर कलश लिये यात्रा में सबसे आगे तथा उनके पीछे अन्य महिलायें चल रही थी। उनके पीछे ध्वज लिये हुए छोटे छोटे बच्चे व अन्य प्रचार वाहन चल रहे थे। कलश यात्रा के समय गगन भेदी नारों से पूरा वातावरण गंुजायमान हो उठा। हनुमान घाट पर बबलू सेठ व उनके सहयोगी गोपाल सेठ, दिनेश सेठ, श्रद्धालुओं के लिए टेण्ट व प्रसाद शीतल जल की व्यवस्था की थी। हनुमान घाट से श्रद्धालु वापस सदभावना पुल होते हुए प्रज्ञामण्डल लौटे। जहां श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए आचार्य देश बन्धु पदमाकर मिश्र ने कहा कि कलश विश्व ब्रहमाण्ड का प्रतीक है। जिस प्रकार प्रकृति की परस्पर विरोधी शक्तियां सामन्जस्यपूर्ण रहती है उसी प्रकार मनुष्य को भी सारे भेदभाव भुलाकर सामन्जस्यपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

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