जौनपुर। गर्मी व उमस से लगातार एक सप्ताह से लोग बिलबिला गए हैं। शुक्रवार को भगवान भास्कर का रौद्र रूप देखने का मिला। तेज धूप से लोगों के बदन झुलसते रहे। आसमान से सूर्य की किरणें आग उगल रही थीं। उमस भरी गर्मी के बीच लोगों को न तो घर के अंदर चैन मिल रहा था न ही बाहर। सबसे ज्यादा दिक्कत शहर के लोगों को उठानी पड़ रही है। कूलर भी राहत नहीं दे पा रहा। सुबह से उमस से लोगों की परेशानी बढ़ाने लगी। दिन चढ़ने के साथ ही पारा चढ़ता गया। दोपहर होते ही लोग बेचैन दिखने लगे। बाहर सूर्य की तेज तपिश से एक पल आंख ठहर नहीं पा रही थी। गर्मी के बढ़ते जा रहे प्रचंड रूप को देख लोगों की हालत खराब हो गई है। तापमान 45 पार होने से लोग पूरी तरह से तपिश महसूस कर रहे थे। मकानों की दीवारें भी आग उगल रही हैं। सबसे अधिक दिक्कत घर के अंदर महिलाओं व बच्चों को को हो रही है। गर्मी से बचने के लिए लोग तरह-तरह का उपाय खोज रहे। बाजारों में पेड़ों की छांव के नीचे लोग ठेला आदि पर लगे पेय पदार्थों को सेवन करते दिख रहे हैं। इससे लोगों को कुछ देर के सुकून मिल जा रहा, लेकिन गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही थी। इस तरह का नजारा खासकर कचहरी व चट्टी चैराहों पर देखा जा सकता है। गर्मी की हालत यह है कि ऊंचे-ऊंचे भवनों पर लगी पानी की टंकियों का पानी ठंडा नहीं हो पा रहा है। यहां तक रात से सुबह तक भी पानी गर्म ही आ रहा है। मकान आग उगल रहे हैं। वहीं सड़क पर चलना दूभर हो गया है। जून माह के अंतिम पखवारे में जनपद में बारिश न होने से हर कोई बेहाल हो उठा है। शहरी व ग्रामीणांचलों में बारिश की चाहत हर एक में देखने को मिल रही है। अन्नदाता तो आसमान की ओर टकटकी ही लगाए बैठे हैं। धान की नर्सरी तैयार करने में किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि किसानों ने किसी तरह जुगाड़ करके नर्सरी के लिए खेत तैयार करने के लिए पानी का प्रबंध कर लिया, अब जबकि किसानों की बेड़ तैयार हो गई है, अब धान रोपाई की बाट जोह रहे किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। भीषण गर्मी से आम जनमानस भी हांफ उठा है। विशेषकर बच्चे तो दिन भर घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। वहीं बूढ़े-बुजुर्ग में शाम ढलने के बाद ही घरों के बाहर निकलते हैं।
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