तीन पालियों में चला नौ कुण्डीय महायज्ञ
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जौनपुर। गायत्री प्रज्ञा मण्डल जज कालोनी के प्रांगण में आयोजित चार दिवसीय नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व संस्कार व योग महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को शुभारंभ भक्ति भजनों एवं योग से हुआ। प्रातःकाल शान्तिकुन्ज हरिद्वार से आयी टोली ने साधकों ने भक्तिगीतों का आनन्द लिया। भजन के पश्चात नौ कुण्डीय यज्ञ प्रारंभ हुआ जो तीन पालियों में हुआ। इस दौरान अनेक बच्चों का मुण्डन, अन्न प्राशन, विद्यारंभ और यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया। शान्ति कुन्ज से आये प्रमुख सन्त भृगु ने कहा कि जिस प्रकार यज्ञ करते समय भगवान का स्मरण करते हैं। जैसे यज्ञ कुण्ड में पहुंची श्रेष्ठ आहुतियां भस्मीभूत हो जाती है। उसी प्रकार यह नश्वर शरीर भी एक दिन भस्मीभूत हो जायेगा। इस बात को सदैव स्मृति में बनाये रखते हुए श्रेष्ठ कर्म करते रहना चाहिए तथा स्वार्थ एवं अकमर्णयता का त्याग करते हुए मन बचन और कर्म से परमात्मा को साक्षी मानते हुए सदैव परोपकारी एवं अहिसंक बनने का प्रयास करना चाहिए। यज्ञ के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया। सांयकाल संगीत, प्रवचन एवं प्रज्ञा पुराण व्रत कथा का आयोजन किया। श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए आचार्य देश बन्धु पदमाकर मिश्र ने कहा कि प्रज्ञा अर्थात ज्ञान जब हमारे अन्दर आत्मज्ञान और कर्मयोगी का भाव आता है उसी समय सांसारिक व्याधियां स्वतः नष्ट हो जाती है।