स्वच्छ सर्वेक्षण- 2018 की रैकिंग पिछड़ा जौनपुर नगर पालिका
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जौनपुर। स्वच्छ सर्वेक्षण- 2018 की रैकिंग जारी कर दी गई है। इस बार
स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर पालिका जौनपुर को 373वां स्थान प्राप्त हुआ है।
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार शहर की रैकिंग में 127 स्थान पिछड़ा है।
वहीं प्रदेश स्तर की रैकिंग में इसका 47वां स्थान है। नवगठित बदलापुर नगर
पंचायत ने काफी संघर्ष कर देश स्तर की रैकिंग में 469वां स्थान प्राप्त
किया। इससे स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर की गई सतही तैयारी ने पूरी पोल खोल
दी।
जौनपुर शहर को अमृत योजना में शामिल किया गया है। नगर के चौराहों को सजाने, जगह-जगह स्वच्छता संबंधी होर्डिंग लगाने में लाखों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर सफाई को लेकर खास प्रयास नहीं हुए थे। इसी का नतीजा था कि स्वच्छ सर्वे की टीम भी संतोषजनक फीडबैक यहां से लेकर नहीं गई। जिसका परिणाम सामने है। बहरहाल पिछले वर्ष 434 शहरों में स्वच्छ सर्वे हुआ था, इस बार 4041 नगर निकायों को शामिल किया गया। ऐसे में जौनपुर नगर पालिका को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा। पिछली बार यूपी के सबसे साफ नगर पालिकाओं में नगर पालिका जौनपुर थी। स्वच्छता रैकिंग में इसका 246वां स्थान था। कारण कि तत्कालीन जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी व अधिशासी अधिकारी संजय शुक्ला के नेतृत्व में सौन्दर्यीकरण का काम तेजी से कराया गया था। इसमें सड़कों के चौड़ीकरण, चौराहों के सुंदरीकरण, पार्को को बनवाना, डीलक्स शौचालय, कार्यालय के आधुनिकीकरण आदि पर जोर दिया गया था।
जौनपुर शहर को अमृत योजना में शामिल किया गया है। नगर के चौराहों को सजाने, जगह-जगह स्वच्छता संबंधी होर्डिंग लगाने में लाखों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर सफाई को लेकर खास प्रयास नहीं हुए थे। इसी का नतीजा था कि स्वच्छ सर्वे की टीम भी संतोषजनक फीडबैक यहां से लेकर नहीं गई। जिसका परिणाम सामने है। बहरहाल पिछले वर्ष 434 शहरों में स्वच्छ सर्वे हुआ था, इस बार 4041 नगर निकायों को शामिल किया गया। ऐसे में जौनपुर नगर पालिका को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा। पिछली बार यूपी के सबसे साफ नगर पालिकाओं में नगर पालिका जौनपुर थी। स्वच्छता रैकिंग में इसका 246वां स्थान था। कारण कि तत्कालीन जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी व अधिशासी अधिकारी संजय शुक्ला के नेतृत्व में सौन्दर्यीकरण का काम तेजी से कराया गया था। इसमें सड़कों के चौड़ीकरण, चौराहों के सुंदरीकरण, पार्को को बनवाना, डीलक्स शौचालय, कार्यालय के आधुनिकीकरण आदि पर जोर दिया गया था।