किसानों के सपने चकनाचूर करते बिजली के तार
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जौनपुर। बिजली के जर्जर तार किसानों के लिए काल बन गए हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तार आए दिन टूटकर खेतों में गिर रहे हैं और फसलों में आग लग जा रही है। इससे कुछ ही पल में लाखों रुपये का नुकसान हो जा रहा है। किसानों की गाढ़ी कमाई संग उसके सपने खाक में मिल जाते हैं। बार-बार के आग्रह के बावजूद अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता तक कोई भी अधिकारी इस तरफ ध्यान देना उचित नहीं समझ रहे हैं। आम लोगों से तो बिजली विभाग वाले सीधे मुंह बात करने को भी तैयार नहीं है। बताते हें कि दो सप्ताह में ें बिजली का तार टूट कर गिरने से पचासों एकड़ फसलें और मड़हे जलकर राख हो गये। हालांकि हवा तेज होने पर बिजली का आपूर्ति एहतियातन बंद कर दी जा रही है। बावजूद इसके लगातार पांच-छह घंटे से अधिक लगातार बिजली रहने पर पुराने जर्जर तार टूटकर गिरने लगते हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में हाईटेंशन के तारों को बदलने के लिए विभाग को अच्छी खासी धनराशि व सामग्री प्राप्त हुई थी, पैसा कागजी कोरम पूरा कर विभागीय अधिकारियों ने हजम कर लिया। तार व अन्य सामग्री से विभाग के अधिकारी व ठेकेदार अपने चहेतों के यहां बिना लिखा-पढ़ी, बिना इस्टीमेट बिजली की लाइन खिचवा दिए और रिपोर्ट लगी कि तार बदल दिए गए। यथार्थ के धरातल पर एक इंच तार भी नहीं बदला गया। किसानों का कहना है कि बिजली विभाग के जेई व एई ढूंढने पर नहीं मिल रहे हैं। विद्युत उपकेंद्रों पर ठेकेदार के आदमी रहते हैं। वह कुछ भी कहने पर यह कहते हुए हाथ ऊपर कर देते हैं कि इसके लिए आपको बलिया जाकर साहब से बात करनी होगी। उप खंड अधिकारी ने कहा कि विभाग के पास न बजट उपलब्ध है, न सामग्री। ऐसे में कैसे तार बदला जाए। तार तो जर्जर हो चुके हैं। इस बाबत कई बार वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से रिपोर्ट भेजी गई है। बावजूद इसके अभी तक इस मद में विभाग को बजट प्राप्त नहीं हुआ है।