सद्गुरू प्रदान करता है दिव्य ज्ञान चक्षु
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जौनपुर। मानव योनि दुर्लभ और भाग्यशाली मानी जाती है। यह भाग्य मनुष्य के रूप में केवल मात्र पैदा होने से नहीं बल्कि उस लक्ष्य की प्राप्ति से जुडे़ है जिसके लिए मनुष्य को उत्तम दर्जा दिया गया है। निद्रा, भोजन, भोग और भय के स्तर पर मनुष्य और पशु एक जैसे ही है। ब्रम्हाज्ञान ही इंसान को पशु से श्रेष्ठ बनाता है। इस लिए और भी दुर्लभ है पूर्ण सद्गुरू की शरण में पहुँच कर परम पिता-परमसत्ता का साक्षात् ज्ञान लेकर जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करना। उक्त उद्गार धर्मापुर विकास खण्ड के उतरगाँवा में आयोजित निरंकारी सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए मानिक चन्द तिवारी ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन कोई धर्म, मजहब नहीं बल्कि आध्यात्मिक विचार धारा वाला मानव परिवार है। हम सभी हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई होने के पूर्व इंसान है। मानव जीवन सबसे उत्तम है। मानव जीवन के रूतबे को ऊँचा रखने के लिए जीवन को पूर्णता तब प्राप्त होती है जब उसके जीवन में सद्गुरू का पर्दापण होता है और कृपा के फलस्वरूप परम सत्य निराकार प्रभु का ज्ञान प्राप्त होता है। दिव्य ज्ञान चक्षु केवल सद्गुरू प्रदान करता है। सद्गुरू का यह ज्ञान जीवन में बदलाव लाता है। ब्रम्हाज्ञान जीवन संवार कर प्यार , नम्रता, विशालता, दया, करूणा एवं क्षमा आदि सद्गुणों से युक्त कर देता है। इसके साथ ही जीवन में भक्ति आती है और भक्ति से सारे सुख आते है। आज समय के सद्गुरू, सदगुरू माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ब्रह्यज्ञान के द्वारा पूरे विश्व में विश्व बन्धुत्व भाई चारा स्थापित कर रही है। मुख्य वक्ता श्यामलाल साहू , दुर्गा प्रसाद तिवारी , शेरमल, सुबाष प्रजापति , लालचन्द विश्वकर्मा सुनीता ,कविता आदि उपस्थित रहे। संचालन उदयनारायण जायसवाज ने किया।