प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के आदेश को भी गम्भीरता से नही लेते यूपी के अधिकारी : विकास तिवारी

जौनपुर। अब तो यह साबित हो गया है कि सरकार किसी की हो काम तो यूपी वाले अधिकारी अपने मनमाने तरीके से ही करेगें । मामला जौनपुर के बेलांव - पराउगंज मार्ग के बीरमपुर - भडेहरी घाट का है, जो विगत सात वर्षो से अधुरा पडा है, पुल निर्माण की मांग को लेकर दिनांक 21 नवम्बर 2017को समाज सेवी विकास तिवारी ऐडवोकेट द्वारा माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार व माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा गया एंव ट्वीट के माध्यम से शिकायत की गयी व सैकडों क्षेत्रीय लोगो के साथ पुल निर्माण की मांग को लेकर पैदल मार्च तथा जल में खडा होकर सत्याग्रह किया गया, लेकिन समस्या का कोई निस्तारण नही हुआ समस्या जस की तस बनी रही,माननीय प्रधानमंत्री व माननीय मुख्यमंत्री से की गयी शिकायती अपील को पीएमओ और सीएमओ के लिखित निर्देश के साथ समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आई.जी.आर.एस.) मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश शासन पर दर्ज कर ली गयी ,लेकिन सरकारी रहनुमाओं की दूषित सोच व मनमाने रवैये के कारण उक्त शिकायत का सही निस्तारण नही किया गया ।निस्तारण आख्या से असन्तुष्ट होकर शिकायतकर्ता विकास तिवारी ने निस्तारण पर अपनी आपत्ति जताई, बीरमपुर-भडेहरी पुल निर्माण की मांग को लेकर कुल छ: बार शिकायत को आई. जी. आर. एस. पर दर्ज कराया गया, हर बार निस्तारण आख्या में काफी असमानता मिली जिससे असन्तुष्ट होकर विकास तिवारी द्वारा पुनः दिनांक 05 फरवरी 2018 को उक्त पुल के संदर्भ में विभागीय अधिकारियों के रवैये से अवगत कराने के लिए मा0 प्रधानमंत्री व मा0 मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया, मा0 प्रधानमंत्री भारत सरकार को लिखे गये तेरह पृष्ठीय  पत्र को पीएमओ कार्यालय के आदेश पर पुन: आई. जी.आर.एस. शिकायत संदर्भ संख्या - 60000180012025,दिनांक- 12फरवरी 2018 के साथ अपलोड कर दिया गया, हद तो तब हो गयी जब जिम्मेदार निस्तारण अधिकारी द्वारा यह आख्या अपलोड करके शिकायत निस्तारित कर दी गयी कि - उक्त के संदर्भ में अवगत कराना है की भोगीपट्टी मुख्य सड़क से 1.50 किमी0 की दूरी पर है जो की खडन्जा स्तर का है, जिसके लिए 65.00 लाख की लागत आंकलित  है जो वर्तमान में लो0नि0वि0 के किसी योजना से आच्छादित नही है, अत: धन की मांग का कोई औचित्य नही है ।
यदि गौर किया जाय तो परिलक्षित होता है कि इस निस्तारण आख्या का शिकायती अपील से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नही है शिकायत अधूरे पुल निर्माण को पूरा कराने की कि गयी थी, निस्तारण में पडोस के किसी गांव में खडन्जा को पीच करवाने के लिए धन उपलब्धता की बात कही जा रही है ।उक्त निस्तारण के सम्बन्ध में मा0 प्रधानमंत्री भारत सरकार व मा0मुख्यमंत्री उ. प्र. शासन को अवगत कराने के प्रयास के क्रम में समाजसेवी विकास तिवारी ऐडवोकेट नें पुन: दिनांक 05 मार्च 2018 को अपने पत्र में लिखा है कि -  मा0प्रधानमंत्री महोदय व मा0 मुख्यमंत्री जी आपको आई. जी. आर. एस. शिकायत संदर्भ संख्या - 60000180012025 के संदर्भ में सूचित हो व निस्तारण कर्ता अधिकारी गण से हाथ जोडकर निवेदन है कि कम से कम निस्तारण आख्या की, बगैर भौतिक सत्यापन के झुठी कहानी लिखने से पहले पुरे शिकायती पत्र को तो पढ लिजिए, मा0 प्रधानमंत्री भारत सरकार के कार्यालय की इतनी उपेक्षा की प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से संदर्भित पत्र को भी पुरा नही पढ़ा जा रहा है, पिछले  साल से यही शिकायत बार-बार दुहरा रहा हू, जिम्मेदार विभाग के अधिकारी के इस रवैये को देखकर अब शिकायत पर उचीत कार्यवाही होने की उम्मीद भी छोड चुका हुं, कृपया पुरा शिकायती पत्र पढने के बाद ही झुठी निस्तारण आख्या की रचना करें, मै मा0प्रधानमंत्री भारत सरकार व मा0मुख्यमंत्री उ0प्र0 सरकार से निवेदन करता हू की यदि यह पोर्टल सही माने में जनता के हित के लिए है तो स्वयं शिकायती पत्र व उस शिकायती पत्र से दूर दूर तक सम्बन्ध न रखने वाली निस्तारण आख्या का अवलोकन कर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की कृपा करे, या फिर सरकार के मंशा के अनुरूप काम न करने वाले इस पोर्टल को बन्द करने सम्बन्धित आदेश जारी करें ।

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