जहरीली हवा बढ़ा रही बीमारियां
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जौनपुर। जिले में बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों को अस्थमा, कैंसर, खांसी के साथ फेफड़े व दिल की बीमारियों को परोस रहा है। दमा के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसमें बच्चों की संख्या अधिक है। कार्बन मोनोआक्साइड व नाइट्रोजन गैस घातक सिद्ध हो रही हैं। वाहनों, जेनरेटरों का धुआं व अनावश्यक रूप से जलाई जा रही पालीथिन वातावरण को दूषित कर रही हैं। आवश्यकता जागरूकता की है, ताकि बढ़ते हुए रोगों पर नियंत्रण पाया जा सके। शहर में करीब सैकड़ों टन कूड़ा रोज निकलता है। इसमें से करीब आधे से अधिक कूड़ा रोज उठ भी रहा है। अवशेष कूड़ा व नालियों की निकलने वाली सिल्ट सूखकर धूल के रूप में परिवर्तित होकर वाहनों की रफ्तार के साथ उड़कर सांस के संग शरीर में प्रवेश करती है। इसके अलावा भट्ठों व फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं व केमिकल भी वातावरण को दूषित कर रहा है। इसके सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। वाहनों व भटिठयों से निकलने वाला धुआं ही यहां मुख्य रूप से वायु प्रदूषण में इजाफा कर रहा है, जब फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिलेगी तो इससे शरीर में रक्त का प्रभाव भी कम होगा और ब्लडप्रेशर यानि कि रक्तचाप की बीमारी हो जाएगी। कार्बनडाई आक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड व सल्फरडाई आक्साइड के संपर्क में रहने से दिल का दौरा पड़ने की भी संभावना रहती है। जरुरत वायु प्रदूषण को रोकने की है, ताकि युवाओं में बढ़ रही अस्थमा, कैंसर, सांस व फेफड़ों की बीमारियों को काबू किया जा सके। वायु में मौजूद विषैले कण हमारे शरीर के अंदर श्वास लेते समय घुस जाते हैं, जिस कारण श्वास, अस्थमा, कैंसर, त्वचा कैंसर, आंखों में जलन, खांसी आदि बीमारियों परोसते हैं।