सेहत से खिलवाड़ में जुटे तेल कारोबारी
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जौनपुर। जिले में सहालग व होली को लेकर मिलावटी खाद्य तेल कारोबारी भी सक्रिय हो गए हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी से बिना लाइसेंस तेल कारखाने चल रहे हैं। खुलेआम बिक रहे मिलावटी व खुले खाद्य तेल से लोगों की सेहत बिगड़ने का खतरा बना है। मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा टीम छापेमारी के लिए लगातार निकल रही है लेकिन तेल कारोबारियों के नमूने नहीं लिये जा रहे है और टीम दिन भर कहां कार्यवाही कर नमूने ले रही है यह भी जानकारी मीडिया को नहीं दी जा रही है। लोगों का कहना है कि टीम कमाई में जुटी हुई है। मौजूदा समय में शादी समारोह होने व 10 दिन बाद होली का त्योहार होने से बाजारों में खाद्य तेल की मांग बढ़ गई है। इसको देखकर मिलावटखोरों ने मिलावटी खाद्य तेल बाजारों में खपाकर कमाई की तैयारी तेज कर दी है। जिले में सौ से अधिक स्पेलर संचालित हैं। इनमें से करीब दो दर्जन से अधिक संचालक तेल पिराई के साथ बिक्री का भी काम करते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार बिना लाइसेंस तेल कारोबार कर रहे स्पेलर संचालकों के प्रति उदासीन बने हैं। बताते हैं कि पहले सरसों के तेल में धान की भूसी का तेल मिलाया जाता था, लेकिन अब पाम आयल मिलाया जाता है। पाम आयल तेल से सस्ता होने के कारण दुकानदार को अधिक मुनाफा हो जाता है। इसमें ग्लिसरीन व केमिकल रंग मिलाए जाने के साथ सरसों के तेल में झरफ यानी तीखी खुशबू पैदा करने के लिए केमिकल वाले सेंट मिलाए जाते हैं। चिकित्सको का कहना है कि मिलावटी केमिकलयुक्त तेल से लीवर व किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ता है। आर्जीमोनयुक्त तेल से ड्राप्सी जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा रहता है।