गरीबों की रसोई से फिर निकलने लगा धुंआ
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जौनपुर। रसोई गैस की कीमत में पिछले छह महीने में हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को मिले मुफ्त गैस कनेक्शन, सिलेंडर व चूल्हा अब घर में शो-पीस बन कर रह गए हैं और एक बार फिर से उनकी जगह रसोई घर में लकड़ी और उपले ने ले लिया है। साथ ही जिस परेशानी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिया था वह जस की तस बनी हुई है। साथ की गरीबों के घर से एक बार फिर से धुआं निकलने लगा है। करीब दो साल पहले मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भृगु धरती से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। उन्होंने अगले तीन साल में देश के कुल पांच करोड़ गरीबों को मुफ्त में गैस कनेक्शन देने की बात कही थी। उसके बाद युद्ध स्तर पर कनेक्शन भी दिए गए। जिले में भी हजारों गरीब महिलाओं को कनेक्शन दिया जा चुका है। उसमें भी अधिकतर जगह से यह मामले में प्रकाश में आ रहे हैं कि गैस सिलेंडर के दाम मंहगे होने व सब्सिडी का प्रावधान खाते में भेजने को लेकर अधिकतर गरीबों के घर में दोबारा गैस चूल्हा व सिलेंडर की जगह फिर से उपले ने लिया है। हालांकि इस बार बजट में सरकार ने इसे बढ़ाने का निर्णय लिया है और उसे बढ़ाकर पांच करोड़ से आठ करोड़ को कनेक्शन देने का निर्णय लिया गया है। वहीं विभागीय अधिकारियों की माने तो शुरुआत में जिस तरह से मुफ्त कनेक्शन बांटा गया है उसके बाद कोई गरीब इधर बीच कनेक्शन के लिए आया ही नहीं। यही कारण है कि शुरुआत में कनेक्शन देने के बाद से स्थिति जस की तस बनी हुई है। मंहगाई के आगे गरीब लाचार हो गए है। तीन साल पूर्व 432 रुपये में जो गैस सिलेंडर मिलता था, अब वह 830 रुपये में मिल रहा है जो अब गरीबों के घर से गैस सिलेंडर को दूर करता जा रहा है। अब वह महीने भर में 830 रुपये खाना बनाने के लिए ईंधन पर खर्च करें या फिर गृहस्थी का सामान जुटाने में। इसलिए उन्हें एक बार फिर उपला व लकड़ी की ओर मुखातिब होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि रसोई गैस इतना महंगा करना था तो गरीबों को उज्ज्वला योजना का क्यों निशुल्क गैस कनेक्शन बांटा ही क्यों गया। लाभार्थी चमेला देवी कहती है कि सरकार प्रति गैस सिलेंडर पर 312 रुपये सब्सिडी तो दे रही है, लेकिन वह भी किसी का आता है तो किसी का नहीं। सबसे तो ज्यादा परेशानी की बात तो 830 रुपये एक साथ देना है जो बड़ी मुश्किल से पेट काट कर जुटाने पड़ते हैं। सीता देवी ने कहा कि सरकार ने गरीबों को धुएं से बचाने के लिए गैस सिलेंडर तो मुफ्त में मुहैया कराया, लेकिन अब एक-एक पैसा वसूलने में लगी है। ऐसे में लकड़ी व उपले पर खाना बनाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।