सुख-समृद्धि के साथ मुक्तिदायिनी है भागवत कथाः दीक्षा हरिप्रिया
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जौनपुर।
जनपद के सुइथाकला क्षेत्र के ओइना-डिहिया गांव में चल रहे सप्त दिवसीय
संगीतमय भागवत कथा के अनुक्रम में श्री धाम वृन्दावन से आयीं कथावाचक बाल
विदुषी दीक्षा हरिप्रिया ने रुक्मिणी विवाह, सुदामा चरित एवं श्रीमद्भागवत
पुराण महात्म्य की कथा सुनाकर उपस्थित भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। इस
मौके पर बाल विदुषी ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण, मनन एवं चिंतन से प्राणी
मात्र को सुख-समृद्धि के साथ सहज रूप से मुक्ति प्राप्त होती है। कथा
श्रवण मात्र से ही जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और जीव बिना श्रम
के ही मुनि दुर्लभ हरि भक्ति को प्राप्त कर लेता है तथा लौकिक जगत के
बन्धन से मुक्त हो जाता है। इस दौरान जहां रुक्मिणी विवाह सुनकर महिलाएं
भाव-विभोर हो गयीं, वहीं सुदामा प्रसंग की कथा सुनकर उपस्थित श्रोताओं के
नेत्र सजल हो उठे। संगीतमयी कथा में माधुर्य भाव की पुष्टि के लिये जहां
तबला पर वाचस्पति त्रिपाठी संगत कर रहे थे, वहीं उनके साथ पैड पर बिल्ली
(मधुकर) व बैंजो पर मुन्ना की संगत रही। आरती से पूर्व विनेश शास्त्री ने
भजन प्रस्तुत करके लोगों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। मंचीय सहयोग प्रेम चन्द्र
शुक्ल तथा कुन्दन पाण्डेय आचार्य ने किया। कथा के उपरान्त भारी संख्या में
श्रद्धालुओं ने आरती के साथ प्रसाद ग्रहण किया। कथा का संयोजन अवधेश
चन्द्र शुक्ल ने किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधान विमलेश शुक्ला, धीरज
शुक्ला, नीरज, गणेश शुक्ला, उमानाथ यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।