बीजेपी के हाथ अब 'चाय' के साथ 'पकौड़ा'
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प्रमोद जायसवाल
इस समय सोशल मीडिया में 'पकौड़ा पालिटिक्स खूब ट्रेंड कर रहा है। दरअसल यह कांग्रेस द्वारा बीजेपी को दिया गया नया 'हथियार है। जिसे वह भुनाने में लगा है और कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है। गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में रोजगार के मुद्दे पर मुद्रा योजना का जिक्र किया था। कहा था कि इससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है। कोई चाय की दुकान चला रहा है तो कोई पकौड़ा बेचकर चार और लोगों को रोजगार दिया है। उनकी यह दलील कांग्रेस को रास नहीं आई। पार्टी के वरिष्ठï नेता पी. चिदम्बरम ने पकौड़ा बेचने वालों की तुलना भिखारियों से कर दी। कहा कि यदि पकौड़ा बेचना रोजगार है तो भीख मांगना भी रोजगार है। उसके बाद कांग्रेसियों ने जगह-जगह स्टाल लगाकर पकौड़ा पर पालिटिक्स शुरू कर दी। सोशल मीडिया में भी पकौड़ा पालिटिक्स खूब टे्रंड करने लगा। बस यहीं से कांग्रेस को घेरने के लिए बीजेपी को बैठे-बैठाये एक मुद्दा फिर हाथ लग गया। बताते चलें कि गत लोकसभा चुनाव के वक्त जब बीजेपी ने नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था तो कांग्रेस के नेताओं ने तंज कसा था कि अब चाय बेचने वाला पीएम बनेगा। उसे बीजेपी ने मुद्दा बना लिया था और उसे पार्टी आज तक भुना रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस की सोच सामन्तवादी है। वह मेहनत कर परिवार का पेट पालने वालों का अपमान कर रही है। पकौड़ा अब बहस का हिस्सा बन गया है और दुकान से उठकर अब संसद में पहुंच गया है। बीजेपी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर कांगे्रस को जमकर घेरा। कहा कि स्व-रोजगार करने वालों के स्वाभिमान पर यह चोट है। बीजेपी नेताओं के हमलावर होने के बाद आखिरकार कांग्रेस को पकौड़ा पालिटिक्स पर अब बैकफुट पर आना पड़ा है।
इस समय सोशल मीडिया में 'पकौड़ा पालिटिक्स खूब ट्रेंड कर रहा है। दरअसल यह कांग्रेस द्वारा बीजेपी को दिया गया नया 'हथियार है। जिसे वह भुनाने में लगा है और कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है। गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में रोजगार के मुद्दे पर मुद्रा योजना का जिक्र किया था। कहा था कि इससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है। कोई चाय की दुकान चला रहा है तो कोई पकौड़ा बेचकर चार और लोगों को रोजगार दिया है। उनकी यह दलील कांग्रेस को रास नहीं आई। पार्टी के वरिष्ठï नेता पी. चिदम्बरम ने पकौड़ा बेचने वालों की तुलना भिखारियों से कर दी। कहा कि यदि पकौड़ा बेचना रोजगार है तो भीख मांगना भी रोजगार है। उसके बाद कांग्रेसियों ने जगह-जगह स्टाल लगाकर पकौड़ा पर पालिटिक्स शुरू कर दी। सोशल मीडिया में भी पकौड़ा पालिटिक्स खूब टे्रंड करने लगा। बस यहीं से कांग्रेस को घेरने के लिए बीजेपी को बैठे-बैठाये एक मुद्दा फिर हाथ लग गया। बताते चलें कि गत लोकसभा चुनाव के वक्त जब बीजेपी ने नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था तो कांग्रेस के नेताओं ने तंज कसा था कि अब चाय बेचने वाला पीएम बनेगा। उसे बीजेपी ने मुद्दा बना लिया था और उसे पार्टी आज तक भुना रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस की सोच सामन्तवादी है। वह मेहनत कर परिवार का पेट पालने वालों का अपमान कर रही है। पकौड़ा अब बहस का हिस्सा बन गया है और दुकान से उठकर अब संसद में पहुंच गया है। बीजेपी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर कांगे्रस को जमकर घेरा। कहा कि स्व-रोजगार करने वालों के स्वाभिमान पर यह चोट है। बीजेपी नेताओं के हमलावर होने के बाद आखिरकार कांग्रेस को पकौड़ा पालिटिक्स पर अब बैकफुट पर आना पड़ा है।