चिकित्सा प्रभारियों को बताना होगा कितने देखे मरीज
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जौनपुर। सीएचसी-पीएचसी पर आराम फरमाने वाले डॉक्टरों पर अब शिकंजा कसा गया है। स्टाफ ज्यादा और मरीज कम होने की वजह से नया नियम बनाया गया है। इसके तहत सभी चिकित्सा प्रभारियों को यह बताना होगा कि उन्होंने कितने मरीज देखे और संबंधित अस्पताल में कितने मरीज भर्ती हैं। सीएमओ इस रिपोर्ट पर मंथन करने के बाद वास्तविक हकीकत को भी जांचेंगे। देहात क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होने की वजह से मरीजों का मोह भी सरकारी सेवा से भंग होता जा रहा है। वह सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के बजाए झोलाछापों पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं। यही वजह है कि देहात क्षेत्र में झोलाछापों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है। शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए पिछले दिनों सीएमओ को आदेश जारी किए थे कि वह रोजाना सीएचसी और पीएचसी का निरीक्षण कर वहां के स्टाफ और मरीजों का आंकलन करेंगे। रणनीति पर चर्चा हुई तो आदेश जारी किया गया कि रोजाना डॉक्टर ओपीडी रजिस्टर का फोटो सीएमओ के व्हाट्सएप पर भेजेंगे और महीने की पूरी रिपोर्ट सीएमओ को खुद सौंपेंगे। इस बीच सीएमओ संबंधित अस्पतालों में जाकर निरीक्षण के दौरान यह जांचेंगे कि उन्हें जो रिपोर्ट दी गई है वह सही है या फिर फर्जीवाड़ा पेश किया गया है। इसमें खेल होने पर संबंधित चिकित्सा प्रभारी पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि देहात क्षेत्र में लोगों को बेहतर इलाज देने के प्रयास किए जा रहे हैं। तमाम जगह गड़बड़ी मिलने पर इस तरह का नियम बनाया गया है। इसको प्रभावी रूप से लागू कराया जाएगा। ताकि डॉक्टर मरीजों को पूरा समय दे सकें।