702 कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाया जायेगा
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा के
लिए 702 कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने की संस्तुति की गई है। यह
निर्णय रविवार को कुलपति सभागार में परीक्षा संचालन समिति की बैठक में लिया
गया। अब तक सीसीटीवी कैमरा न लगाने वालों को 28 फरवरी तक का समय दिया गया
है। इसके बाद ही परीक्षा केंद्रों की फाइनल रिपोर्ट जारी की जाएगी।
मुख्य परीक्षा के लिए जौनपुर में 157 में 156, आजमगढ़ में 250 में 185, गाजीपुर में 266 में 235, मऊ में 132 में 125, इलाहाबाद में पीजी कालेज हंडिया को परीक्षा केंद्र बनाया गया। जिन कालेजों ने अभी तक सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया है, वह 28 फरवरी तक लगाकर शपथपत्र विश्वविद्यालय को दे। इसके बाद ही उन कालेजों को केंद्र बनाने पर विचार होगा। वर्ष 2016-17 की परीक्षा में डिबार कालेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। शासन के निर्देश पर छात्राओं के लिए स्वकेंद्र बनाने का लाभ लेने के लिए कालेजों को एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। विश्वविद्यालय से संबद्ध 28 कालेज डिबार है जिसमें 12 कालेजों ने एक लाख रुपये जमा करके छात्राओं के लिए स्वकेंद्र बनाने की अनुमति ली। वर्ष 2015-16, 2016 -17 की दो साल की लगातार परीक्षाओं में जो कालेज डिबार हुए है। इसमें से जिन कालेजों ने छात्राओं के लिए स्वकेंद्र बनाने की अनुमति ली है, वहां पर विश्वविद्यालय की तरफ से केंद्राध्यक्ष भेजा जाएगा। इसमें एडेड कालेज के प्राचार्य, शिक्षक, राजकीय शिक्षकों को केंद्राध्यक्ष बनाया जाएगा। सेवानिवृत्त प्राचार्य, वरिष्ठ शिक्षक को केंद्राध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसकी पूर्ति न होने पर होने पर स्ववित्तपोषित कालेजों के वरिष्ठ शिक्षकों को केंद्राध्यक्ष बनाया जा सकता है। ऐसे कालेज जहां पर 50 से कम परीक्षार्थी होंगे, उनकी परीक्षा बगल के कालेजों पर केंद्र भेजकर कराई जाएगी। ऐसे स्ववित्तपोषित कालेज जहां वर्तमान में शिक्षक व प्राचार्य अनुमोदित नहीं है वहां पर प्रबंधक बगल के कालेजों के अनुमोदित शिक्षकों को केंद्राध्यक्ष बनाने के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन दे सकते हैं।
मुख्य परीक्षा के लिए जौनपुर में 157 में 156, आजमगढ़ में 250 में 185, गाजीपुर में 266 में 235, मऊ में 132 में 125, इलाहाबाद में पीजी कालेज हंडिया को परीक्षा केंद्र बनाया गया। जिन कालेजों ने अभी तक सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया है, वह 28 फरवरी तक लगाकर शपथपत्र विश्वविद्यालय को दे। इसके बाद ही उन कालेजों को केंद्र बनाने पर विचार होगा। वर्ष 2016-17 की परीक्षा में डिबार कालेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। शासन के निर्देश पर छात्राओं के लिए स्वकेंद्र बनाने का लाभ लेने के लिए कालेजों को एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। विश्वविद्यालय से संबद्ध 28 कालेज डिबार है जिसमें 12 कालेजों ने एक लाख रुपये जमा करके छात्राओं के लिए स्वकेंद्र बनाने की अनुमति ली। वर्ष 2015-16, 2016 -17 की दो साल की लगातार परीक्षाओं में जो कालेज डिबार हुए है। इसमें से जिन कालेजों ने छात्राओं के लिए स्वकेंद्र बनाने की अनुमति ली है, वहां पर विश्वविद्यालय की तरफ से केंद्राध्यक्ष भेजा जाएगा। इसमें एडेड कालेज के प्राचार्य, शिक्षक, राजकीय शिक्षकों को केंद्राध्यक्ष बनाया जाएगा। सेवानिवृत्त प्राचार्य, वरिष्ठ शिक्षक को केंद्राध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसकी पूर्ति न होने पर होने पर स्ववित्तपोषित कालेजों के वरिष्ठ शिक्षकों को केंद्राध्यक्ष बनाया जा सकता है। ऐसे कालेज जहां पर 50 से कम परीक्षार्थी होंगे, उनकी परीक्षा बगल के कालेजों पर केंद्र भेजकर कराई जाएगी। ऐसे स्ववित्तपोषित कालेज जहां वर्तमान में शिक्षक व प्राचार्य अनुमोदित नहीं है वहां पर प्रबंधक बगल के कालेजों के अनुमोदित शिक्षकों को केंद्राध्यक्ष बनाने के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन दे सकते हैं।