श्री सर्वेश्वरी समूह शाखा जौनपुर ने मनाया अनन्य दिवस
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जौनपुर। श्री सर्वेश्वरी समूह शाखा जौनपुर में अनन्य दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का
आयोजन किया गया, कार्यक्रम के शुरुआत में अघोरेश्वर महाप्रभु एवं वर्तमान
पीठाधीश्वर पूज्यपाद गुरु पद बाबा संभव राम जी का विधिवत पूजन अर्चन के बाद
"सफलयोनि " का पाठ किया गया ।इसके बाद "सर्वेश्वरी त्वम् पाहिमाम
शरणागतम्, गुरुदेव जी त्वम् पाहिमाम शरणागतम् का संकीर्तन शुरु हुआ ।
कार्यक्रम में बोलते हुए शाखा मंत्री श्री ओमप्रकाश सिंह ने आज के कार्यक्रम के महात्मय का वर्णन पूज्यपाद अघोरेश्वर महाप्रभु के शब्दों में व्यक्त करते हुए कि "मैं भिक्षाटन कर जीवन यापन करता था, हर जगह तिरस्कार पूर्ण शब्दावली से ही स्वागत होता था ।बहुत उपेक्षित रहा मैं और बहुत दिनों का भूखा भी था ।आज ही के दिन माँ ने एक बुढ़िया के रुप मुझे अन्न के रुप में अपने फांकते हुए अन्न में से एक मुट्ठी मुझे दिया उसी दिन से मुझे अन्न वस्त्र इतना मिला मैं दूसरों की तरफ टालने लगा " उसी दिन से प्रत्येक वर्ष माघ कृष्ण चतुर्दशी के दिन श्री सर्वेश्वरी समूह के श्रद्धालु भक्तों द्वारा मनाया जाता है ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अश्वनी कुमार सिंह ने कहा कि अघोरेश्वर महाप्रभु कहा करते थे कि "अन्नपूर्णा का अपमान ईश्वर भी नही माफ करते हैं " इस सद् वाक्य का मूल उद्देश्य अघोरेश्वर महाप्रभु का था कि अन्न का अपव्यय देशहित में ठीक नही है ।
उक्त अवसर पर डाक्टर अरविंद सिंह, गिरीश सिंह, लालता यादव, ओमप्रकाश सिंह (व्यवस्थापक) तेजबहादुर सिंह, घनश्याम सिंह, भानू सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, शुभावती देवी आदि समूह के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे
कार्यक्रम में बोलते हुए शाखा मंत्री श्री ओमप्रकाश सिंह ने आज के कार्यक्रम के महात्मय का वर्णन पूज्यपाद अघोरेश्वर महाप्रभु के शब्दों में व्यक्त करते हुए कि "मैं भिक्षाटन कर जीवन यापन करता था, हर जगह तिरस्कार पूर्ण शब्दावली से ही स्वागत होता था ।बहुत उपेक्षित रहा मैं और बहुत दिनों का भूखा भी था ।आज ही के दिन माँ ने एक बुढ़िया के रुप मुझे अन्न के रुप में अपने फांकते हुए अन्न में से एक मुट्ठी मुझे दिया उसी दिन से मुझे अन्न वस्त्र इतना मिला मैं दूसरों की तरफ टालने लगा " उसी दिन से प्रत्येक वर्ष माघ कृष्ण चतुर्दशी के दिन श्री सर्वेश्वरी समूह के श्रद्धालु भक्तों द्वारा मनाया जाता है ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अश्वनी कुमार सिंह ने कहा कि अघोरेश्वर महाप्रभु कहा करते थे कि "अन्नपूर्णा का अपमान ईश्वर भी नही माफ करते हैं " इस सद् वाक्य का मूल उद्देश्य अघोरेश्वर महाप्रभु का था कि अन्न का अपव्यय देशहित में ठीक नही है ।
उक्त अवसर पर डाक्टर अरविंद सिंह, गिरीश सिंह, लालता यादव, ओमप्रकाश सिंह (व्यवस्थापक) तेजबहादुर सिंह, घनश्याम सिंह, भानू सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, शुभावती देवी आदि समूह के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे