बोर्ड परीक्षा में मास्टर कार्ड का अहम रोल

 जौनपुर।  उप्र बोर्ड परीक्षा में हेराफेरी रोकने के लिए कक्ष निरीक्षकों को जारी किए जाने वाला मास्टर कार्ड अहम भूमिका निभाएगा। जिले में   पांच हजार से अधिक  शिक्षकों को मास्टर कार्ड जारी किए जाएंगे। डीआइओएस  कार्यालय में कार्ड की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली हैं। जिले में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की उप्र बोर्ड परीक्षा के लिए इस बार पांच हजार हजार से शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी। इनमें कुछ रिजर्व रहेंगे। इन सभी पांच हजार कक्ष निरीक्षकों को डीआइओएस कार्यालय से मास्टर कार्ड जारी किए जाएंगे। पिरीक्षा केंद्र पर तैनात प्रत्येक कर्मचारी पर मास्टर कार्ड रहेगा। बिना मास्टर कार्ड के अगर कोई कर्मचारी परीक्षा केंद्र पर पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीआइओएस के हस्ताक्षर व मुहर युक्त मास्टर कार्ड पर संबंधित शिक्षक या कर्मचारी का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। इस कार्ड को स्केन नहीं किया जाएगा। अगर किसी कर्मचारी या शिक्षक ने कार्ड को स्केन या फोटो कापी कराने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड परीक्षा में होने वाली हेराफेरी को रोकने में कार्ड द्वारा लगाम लगाने का दावा किया है। परीक्षा से दो चार दिन पूर्व ही संबंधित केंद्र को कार्ड जारी कर दिए जाएंगे।

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