शिक्षक कभी अवकाश ग्रहण नहीं करता, इसे सत्य कर दिया है जौनपुर के इस टीचर ने
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जौनपुर। शिक्षक कभी अवकाश ग्रहण नहीं करता, वह जीवनभर शिक्षा की ज्योति
से प्रकाशान्वित करता रहता है। इस कहावत को चरितार्थ कर रहे नाऊपुर निवासी
नित्यानंद सिंह । प्रधानाचार्य पद से वर्ष 1994 में सेवानिवृत्त होने के बाद
भी लगातार 23 साल से घर पर मुफ्त तालीम दे रहे हैं। इनके पढ़ाए शिष्य
देश-विदेश में सेवा दे रहे हैं।
केराकत क्षेत्र के नाऊपुर निवासी श्री सिंह ने कृषक इंटर कालेज थानागद्दी में अंग्रेजी शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी। वर्ष 1994 में प्रधानाचार्य पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद भी अध्यापन कार्य जारी रखे हुए हैं। क्षेत्र के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का निश्चय कर प्रतिदिन सुबह-शाम घर पर ही पढ़ाते हैं। इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे इंजीनियर, चिकित्सक बनकर देश-विदेश में अपनी सेवा दे रहे तो बड़ी संख्या में शिष्य देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य व प्रशासनिक पदों पर आसीन हैं।
सरकारी विद्यालयों में भारी भरकम तनख्वाह लेकर विद्यालय न जाने वाले शिक्षकों को आइना दिखा रहे श्री सिंह ने कहा कि शिक्षक पर देश की बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर वह अपने दायित्व से विमुख हो गया तो न सिर्फ देश का विकास अवरुद्ध होगा बल्कि गुरु की गरिमा पर भी प्रश्नचिह्न लग जाएगा।
केराकत क्षेत्र के नाऊपुर निवासी श्री सिंह ने कृषक इंटर कालेज थानागद्दी में अंग्रेजी शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी। वर्ष 1994 में प्रधानाचार्य पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद भी अध्यापन कार्य जारी रखे हुए हैं। क्षेत्र के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का निश्चय कर प्रतिदिन सुबह-शाम घर पर ही पढ़ाते हैं। इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे इंजीनियर, चिकित्सक बनकर देश-विदेश में अपनी सेवा दे रहे तो बड़ी संख्या में शिष्य देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य व प्रशासनिक पदों पर आसीन हैं।
सरकारी विद्यालयों में भारी भरकम तनख्वाह लेकर विद्यालय न जाने वाले शिक्षकों को आइना दिखा रहे श्री सिंह ने कहा कि शिक्षक पर देश की बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर वह अपने दायित्व से विमुख हो गया तो न सिर्फ देश का विकास अवरुद्ध होगा बल्कि गुरु की गरिमा पर भी प्रश्नचिह्न लग जाएगा।