चुनाव प्रचार थमा, दारू मुर्गा पैसा का खेल शुरू
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जौनपुर। चुनाव प्रचार का समय समाप्त होती ही प्रत्याशियों ने मतदाताओ को रिझाने में कोई कसर बाकी नही छोड़ रहे है। प्रत्याशियों ने मतदाताओ के लिए अपना खजाना खोल दिया है। अंधेरा होते ही पहले से चिन्हित किये गये मतदाताओ को दारू, मुर्गा और पैसा बाटा जा रहा है। इसमें चेयर मैन पद से लेकर सभासद तक के उम्मीद्वार शामिल है।
माननीय बनने का सपना सजोए प्रत्याशियो ने पहले चुनाव प्रचार के दरम्यान अपने साथ चलने वाले सहयोगियों की खूब खातिरदारी किया। आज शाम पांच बजने के बाद ही मतदाताओ के लिए अपना पिटारा खोल दिया है। आज शाम को ऐसे ही वोटो की खरीद परोख कहानी आप को बताने जा रहा हू। चांदपुर वार्ड के एक प्रत्याशी व उसके राजनीतिक गुरू एक चाय दुकान पर बैठे थे उसी एक मैला कुचला कपड़ पहने एक व्यक्ति हाजिर हुआ। प्रत्याशी के समर्थक ने उससे कहा कि आप वोट किसको दे रहे हो उसने कहा हम का बताई आप त जनता बाटय जहा हमार फायदा होई उही के हम वोट देब। उसका जवाब सुनते ही नेताजी ने कहा का चाही तोके केतना वोट बा तोहरे घरे मतदाता ने कहा हम लोग दस घर हई समझ ल उसके बाद प्रत्याशी का भाई अलग ले जाकर पुछा केतना देई उसने कहा कि कम से कम दस हजार चाही प्रत्याशी के समर्थन कहा नाही बहुत जादा मांगत हय तब उसने कहा कम से कम पांच त देई द प्रत्याशी ने मुठ्ठी बंद करके पैसा उसके हाथ में थमा दिया। पैसा मिलते ही मतदाता दारू के ठीके का रूख कर गया। करीब आधे घंट बाद वह मतदाता नशे में धुत होकर प्रत्याशी का जय जयकार करते हुए पूरे इलाके में घूमते रहा। इसी तरह से हर वार्ड में दारू ,मुर्गा, पैसा का खेल शुरू हो गया है।
माननीय बनने का सपना सजोए प्रत्याशियो ने पहले चुनाव प्रचार के दरम्यान अपने साथ चलने वाले सहयोगियों की खूब खातिरदारी किया। आज शाम पांच बजने के बाद ही मतदाताओ के लिए अपना पिटारा खोल दिया है। आज शाम को ऐसे ही वोटो की खरीद परोख कहानी आप को बताने जा रहा हू। चांदपुर वार्ड के एक प्रत्याशी व उसके राजनीतिक गुरू एक चाय दुकान पर बैठे थे उसी एक मैला कुचला कपड़ पहने एक व्यक्ति हाजिर हुआ। प्रत्याशी के समर्थक ने उससे कहा कि आप वोट किसको दे रहे हो उसने कहा हम का बताई आप त जनता बाटय जहा हमार फायदा होई उही के हम वोट देब। उसका जवाब सुनते ही नेताजी ने कहा का चाही तोके केतना वोट बा तोहरे घरे मतदाता ने कहा हम लोग दस घर हई समझ ल उसके बाद प्रत्याशी का भाई अलग ले जाकर पुछा केतना देई उसने कहा कि कम से कम दस हजार चाही प्रत्याशी के समर्थन कहा नाही बहुत जादा मांगत हय तब उसने कहा कम से कम पांच त देई द प्रत्याशी ने मुठ्ठी बंद करके पैसा उसके हाथ में थमा दिया। पैसा मिलते ही मतदाता दारू के ठीके का रूख कर गया। करीब आधे घंट बाद वह मतदाता नशे में धुत होकर प्रत्याशी का जय जयकार करते हुए पूरे इलाके में घूमते रहा। इसी तरह से हर वार्ड में दारू ,मुर्गा, पैसा का खेल शुरू हो गया है।